रूस में 'बूढ़ी' होती आबादी
रूस में  'बूढ़ी' होती आबादी


मॉस्को, 27 अक्टूबर (हि.स.)। रूस जैसे विशाल देश में हांड़मांस कंपा देने वाली सर्द हवाओं की सनसनाहट के बीच सड़कों पर हंसते-मुस्कुराते बच्चों की उन्मुक्त हंसी आज कम ही सुनाई देती हैै। दुनिया का सबसे बड़ा यह देश, अपनी आबादी के सिकुड़ने और बूढ़े होने की चपेट में आ गया है।

राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन हालांकि इससे निपटने के लिए प्रयासरत हैं लेकिन इसके बावजूद, यह संकट रूस की नींव हिला रहा है। देश में जन्म दर गिर रही है, बुजुर्ग बढ़ रहे हैं, और सरकार अब ‘परंपरागत परिवार मूल्यों’ के नाम पर सख्त कानून ला रही है। ऐसे कानूनाें में गर्भपात का प्रचार प्रतिबंधित करना और ‘बच्चे न पैदा करने’ की विचारधारा पर राेक लगाना भी शामिल है।

मीडिया खबराें के मुताबिक रूस की

यह समस्या नई नहीं है। पुतिन 1999 में जब सत्ता संभालने वाले थे, रूस में जन्म लेने वाले बच्चाें की संख्या रिकॉर्ड ताैर पर निचले स्तर पर थी। उस समय रूस में सिर्फ 12 लाख 10 हजार बच्चाें का जन्म हुआ था।

सोवियत संघ के ढहने के बाद की अराजकता में टूटते परिवार और लड़खडाती अर्थव्यवस्था के बीच पुतिन ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरे की घंटी माना। वर्ष 2005 में उन्होंने कहा, “हमें सामाजिक और आर्थिक स्थिरता बनाए रखनी होगी।” लेकिन 2019 में भी फिर यहीं समस्या उनके सामने मुंह बाए खड़ी हाे गई थी। हालांकि रूस में आर्थिक उछाल के साथ 2015 में पहले से ज्यादा 19 लाख 40 हजार बच्चे पैदा हुए। इसके लिए सरकार ने प्रोत्साहन दिए जिनमें बड़े परिवारों के लिए मुफ्त स्कूल- भोजन और दस या अधिक बच्चों वाली महिलाओं को सोवियत-शैली का ‘हीरो मदर’ सम्मान शामिल थे।

वर्ष 2023 में पुतिन ने कहा, “हमारी दादी-नानी के पास सात-आठ, यहां तक कि इससे ज्यादा बच्चे थे। आइए इन शानदार परंपराओं को संरक्षित और पुनर्जीवित करें। बड़ा परिवार होना सामान्य बनना चाहिए।” इस दाैरान हालात कुछ सुधरे लेकिन अब ये उपलब्धियां धुंधली पड़ रही हैं।

यूक्रेन युद्ध, युवाओं का पलायन धाैर वित्तीय अनिश्चितता—ये सब मिलकर रूस में जन्म दर को नीचे ला रहे हैं। रूस की संघीय सांख्यिकी सेवा के अनुसार उसकी आबादी 1990 के 14 करोड़ 76 लाख से घटकर इस साल 14 करोड़ 61 लाख रह गई। हालांकि 2014 में क्रीमिया के विलय के बाद इसमें बीस लाख लाेग और जुड़े लेकिन इससे कुछ खास असर नहीं हुआ।

इसी दाैरान रूस में एक और समस्या ने जन्म लिया और वाे थी कि देश में जहां 1990 में 55 साल या इससे अधिक उम्र के लाेगाें का प्रतिशत 21.1 था जाे 2024 में बढ़कर 30 प्रतिशत हो गया। वर्ष 2015 के बाद से देश में सालाना जन्म दर गिर रही है। पिछले साल सिर्फ 12 लाख 22 हजार बच्चाें का जन्म हुआ जाे लगभग 1999 के स्तर के ही बराबर था। सरकारी आंकड़ाें के अनुसार, फरवरी 2025 में रूस में जन्मे बच्चाें की संख्या पिछले दो दशकाें से काफी कम थी।

हालांकि रूस अब ‘परंपरागत मूल्यों’ की ओर मुड़ रहा है। ऐसे कानून लाए गए जो गर्भपात का प्रचार प्रतिबंधित करते हैं, ‘बच्चे न पैदा करने’ की विचारधारा को अवैध ठहराते हैं, और समलैंगिकता जैसी गतिविधियों पर पूरी तरह पाबंदी लगाते हैं। महिलाओं काे ‘देशभक्ति और रूसी शक्ति’ के नाम पर ज्यादा बच्चे पैदा करने के लिए प्राेत्साहित किया जाने लगा।

आंकड़ाें के मुताबिक द्वितीय विश्व युद्ध में दाे करोड़ 70 लाख सोवियत नागरिक मारे गए जिससे पुरुष आबादी बुरी तरह प्रभावित हुई। फिर यूक्रेन युद्ध में सैनिकों की मौत (पश्चिमी अनुमानों के अनुसार लाखों) और युवाओं के विदेश भागने जैसे कारक रूस में पुरूष और महिलाओं के संतुलन काे बिगाड़ रहे हैैं। राष्ट्रपति पुतिन के लिए इनका सामना करना एक चुनाैती है , जो आबादी को राष्ट्रीय सुरक्षा से जोड़ते हैं।

हालांकि पुतिन ने इस बाबत कुछ कदम उठाए हैं जिनमें माता-पिता के लिए नकद प्रमाणपत्र प्रदान करना जो पेंशन, शिक्षा या सब्सिडी वाले घर के लिए इस्तेमाल में लाए जा सकेंं। लेकिन इनमें कुछ विवादास्पद कदम भी शामिल हैं जिनमें कुछ क्षेत्रों में किशोर गर्भवती लड़कियों को 1,200 डॉलर का एकमुश्त भुगतान करने जैसे कदम आते हैं।

पिछले साल रूस की प्रजनन दर 1.4 जाे अमेरिका के 1.6 से काफी कम थी। रूस में गर्भपात को हतोत्साहित करने के प्रयासाें के तहत केवल कुछ ही क्षेत्राें गर्भपात कानूनी है, लेकिन निजी क्लिनिक कम हो रहे और गर्भपात-राेधी गोलियां की आपूर्ति सीमित कर दी गई है।

हालांकि इन सभी उपायाें के कारण गर्भपात घटे हैं, लेकिन बच्चाें के जन्म में काेई बढ़ाेतरी नहीं हुई है। सख्त कानून और राष्ट्रपति पुतिन के इस दिशा में उठाए गए अन्य कदम, परंपराओं को जगा पाएंगे, या ये सिर्फ एक 'बूढ़े' साम्राज्य की उदासीपूर्ण गूंज अथवा सिसकी बनकर रह जांएगे। इन प्रश्नाें का जवाब ही अब रूस का भविष्य तय करेंगे।

फिर इस साल पिछले गुरुवार को क्रेमलिन के जनसांख्यिकीय सम्मेलन में पुतिन ने दोहराया, “ज्यादा से ज्यादा बच्चाें का जन्म रूस के लिए बेहद जरूरी है।

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हिन्दुस्थान समाचार / नवनी करवाल