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चेन्नई, 26 अक्टूबर (हि.स.)। चेन्नई, 26 अक्टूबर (हि.स.)। तमिलनाडु में अभिनेता से नेता बने विजय 27 अक्टूबर (सोमवार को) चेन्नई के पास महाबलीपुरम में करूर भगदड़ के पीड़ित परिवारों से मुलाकात करेंगे। इस बैठक का आयोजन उनकी पार्टी तमिलगा वेत्त्री कझगम (टीवीके) की ओर से किया गया है। पार्टी की ओर से जारी विज्ञप्ति के माध्यम से इसकी जानकारी रविवार को दी गई है।
तमिलगा वेत्त्री कझगम के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय करूर जिले में उनकी रैली के दौरान भगदड़ की घटना में मारे गए लोगों के परिवारों से कल (सोमवार) को मिलेंगे। उनकी पार्टी की ओर से यह बताया गया कि विजय इस दुखद घटना के एक महीने बाद 27 अक्टूबर को महाबलीपुरम के पास एक रिसॉर्ट में करूर भगदड़ पीड़ितों के परिवारों से मिलेंगे।
विजय की पार्टी टीवीके ने एक रिसॉर्ट में बैठक का आयोजन किया है, जहां पार्टी ने 50 कमरे बुक किए हैं, ताकि विजय व्यक्तिगत रूप से शोक संतप्त परिवारों से मिल सकें और अपनी संवेदना व्यक्त कर सकें।
दरअसल, 27 सितंबर को करूर में विजय के चुनावी अभियान में भगदड़ मचने से 41 लोगों की जान चली गई थी, जबकि 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। इस घटना के बाद से विजय और उनकी पार्टी पर कई सवाल उठे हैं। खासकर सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स ने घटना में मारे गए लोगों के परिवारों से मुलाकात न करने पर अभिनेता को निशाना बनाया था। यूजर्स का कहना था कि विजय को करूर जाकर पीड़ित परिवारों को सांत्वना देनी चाहिए थी।
हालांकि, विजय ने कई पीड़ित परिवारों से वीडियो कॉल के जरिए बाच की थी, उनके प्रति संवेदना वियक्त की थी। उनकी पार्टी का दावा है कि यह नई व्यवस्था इसलिए की गई है, क्योंकि विजय को करूर में प्रभावित लोगों से मिलने के लिए अधिकारियों से अनुमति नहीं मिल पाई थी।
उल्लेखनीय है कि फिलहाल सीबीआई करूर भगदड़ की जांच कर रही है। उच्चतम न्यायालय ने 13 अक्टूबर को घटना की जांच सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया था और सीबीआई जांच की निगरानी के लिए उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश अजय रस्तोगी की अध्यक्षता में एक तीन सदस्यीय समिति का गठन भी किया गया है।
वहीं, घटना के तुरंत बाद तमिलनाडु सरकार ने मामले की जांच के लिए जस्टिस (रिटायर) अरुणा जगदीशन की अध्यक्षता में एक सदस्यीय आयोग का भी गठन किया था। इसके आलावा मद्रास उच्च न्यायालय के आदेश पर पुलिस महानिरीक्षक (उत्तरी क्षेत्र) असरा गर्ग की अध्यक्षता में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन भी किया गया था। हालांकि, पीड़ितों के परिजनों ने इस घटना की सीबीआई जांच की मांग करते हुए उच्चतम न्यायालय में याचिकाएं दायर की थीं।
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हिन्दुस्थान समाचार / Dr. Vara Prasada Rao PV