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मुंबई, 25 अक्टूबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि सिख पंथ के 9वें गुरु, गुरु तेग बहादुर की शहादत न केवल सिखों के लिए बल्कि संपूर्ण भारत की धार्मिक और सांस्कृतिक परंपरा की रक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार गुरु तेग बहादुर की शहादत के इतिहास को दूर-दूर तक पहुंचाने के लिए हर संभव सहयोग करेगी।
मुख्यमंत्री फडणवीस 'हिंद दी चादर श्रीगुरु तेग बहादुर' की 350वीं शहादत वर्षगांठ के अवसर पर शनिवार को दादर स्थित योगी हॉल में आयोजित एक राज्य स्तरीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। फडणवीस ने कहा कि गुरु तेग बहादुर ने भारत में सभी धर्मों की रक्षा के लिए बलिदान दिया है, इसीलिए उन्हें 'खालसा की चादर' नहीं बल्कि 'हिंद की चादर' कहा जाता था। उन्होंने धर्मांतरण का विरोध करके भारत की संस्कृति और आस्था की रक्षा की। उनके बलिदान के इतिहास को राज्य के हर घर तक पहुंचाना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है। साथ ही, तहसील, शहर, जिला और क्षेत्रीय समितियों के माध्यम से गुरु तेग बहादुर की शहादत का इतिहास हर गाँव और घर तक पहुंचाया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरबाणी दुनिया की एक अनूठी रचना है जिसमें न केवल सिख गुरुओं बल्कि संत नामदेव और विभिन्न संप्रदायों के अच्छे विचार शामिल हैं। सभी अच्छे विचारों को एक साथ लाकर जीवन का मार्ग दिखाने वाली यह गुरबाणी हमें जोडऩे का काम करती है। इस कार्यक्रम के अवसर पर छह समुदाय- सिख, सिकलीगर, बंजारा, लबाना, मोहयाल, सिंधी एक साथ आए हैं। समिति और सरकार मिलकर इस कार्यक्रम को लोगों तक पहुंचाने का काम करेंगे। इस अवसर पर, 'हिंद दी चादर श्री गुरु तेग बहादुर साहब' की 350वीं शहादत के अवसर पर गुरु तेग बहादुर के बलिदान का इतिहास बताने वाली वेबसाइट और गीत को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने जनता को समर्पित किया।
इस कार्यक्रम में आपदा प्रबंधन मंत्री गिरीश महाजन, विधायक बाबू सिंह महाराज, अल्पसंख्यक विभाग के सचिव रुचिश जयवंशी, संत ज्ञान हरनाम सिंहजी (खालसा भिंडरावाले मुखी दमदमी टकसाल, प्रधान सत समाज), राज्य स्तरीय समिति के सदस्य रामेश्वर नाईक, सरताज सतिंदर, महंत सुनील महाराज, स्वामी हीरानंद, प्रसिद्ध गायक सतिंदर सरताज आदि उपस्थित रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / राजबहादुर यादव