Enter your Email Address to subscribe to our newsletters

मुंबई,26 अक्टूबर ( हि.स.) ।कृषि, पर्यटन, मत्स्य पालन और प्रकृति जैसे अनेक क्षेत्रों में हमारे कोंकण को विश्व प्रसिद्ध बनाने के लिए, महाराष्ट्र राज्य के उपमुख्यमंत्री एकनाथजी शिंदे , सिंधुदुर्ग सामाजिक मंडल ठाणे और शिवसेना समूह नेता एवं नगरसेवक दिलीप बारटक्के के मार्गदर्शन में, 8 दिवसीय कोंकण महोत्सव 2025, आज 26 अक्टूबर से 2 नवंबर तक, प्रतिदिन शाम 5 बजे से रात 10 बजे तक, कोपरी पंचपाखड़ी विधानसभा क्षेत्र में आयोजित किया जा रहा है। इस दौरान, कोंकण महोत्सव का 18वाँ वर्ष शक्तिपा स्कूल क्रमांक 120, स्वातंत्र्यवीर सावरकरनगर के खेल मैदान में मनाया जाएगा।इस बार, कोंकण महोत्सव में कोंकण के प्रसिद्ध दशावतारी थिएटर समूहों द्वारा 5 पारंपरिक दशावतारी और ट्रिकसिन नाटक शामिल होंगे, जिनमें नाइक मोचेमाडकर पारंपरिक दशावतारी नाटक, वेंगुरला, मामा मोचेमाडकर पारंपरिक दशावतारी नाट्य मंडल मोचेमाड, वेंगुरला, चेंदावंकर दशावतारी नाट्य मंडल (ट्रिक्सिन नाटक) कुडाल, दत्तमौली दशावतारी नाट्य मंडल, सिंधुदुर्ग, जय हनुमान पारंपरिक दशावतारी नाट्य मंडल, शामिल हैं। सावंतवाड़ी, बोर्डेकर पारंपरिक दशावतारी नाट्य मंडल, डोडामार्ग, भजन डबल बारी, महिलाओं के लिए पैठणी नामक एक विशेष खेल, सुरेश पाटिल की संगीत रचना, महाराष्ट्र की लोक कलाओं पर आधारित गंध माटी का एक रंगीन कार्यक्रम, रंग काले और नृत्य, कोंकण रत्न पुरस्कार, मेधावी छात्रों का सम्मान और बच्चों के लिए एक मजेदार और दिलचस्प आकर्षण का केंद्र भी यह मेला भी है। बताया जाता है कि इस वर्ष कोंकण महोत्सव का मुख्य आकर्षण यह है कि रत्नागिरी के राजापुर जिले के बांदीवड़े गाँव में श्री भराड़ी देवी मंदिर की प्रतिकृति का निर्माण किया जायेगा। यहाँ विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ उपलब्ध होंगे, जिनमें प्रामाणिक कोंकण का स्वादिष्ट मसालेदार म्हावरा, मालवणी मसाला, स्वादिष्ट खड़खड़े के लड्डू, मालवणी खाजा, कुलदाची पिठी, सूकी मच्छी, मछली, कोकम, काजू, आम कटहल वड़ी, पोहा, विश्व प्रसिद्ध मुगदाची जादू सूप, रावली, सावंतवाड़ी खिलौने, गंजीफा, साहित्य का आनंद लेने के लिए विभिन्न विषयों पर पुस्तक स्टॉल होंगे।दरअसलयह महोत्सव कोंकण के विकास को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। हर साल कोंकणवासी कोंकण महोत्सव का स्वागत करने के लिए बहुत उत्साहित रहते हैं। नागरिकों की भीड़ उमड़ती है। ठाणे से वेंगुर्ला तक लगभग डेढ़ से दो लाख नागरिक इस कोंकण महोत्सव में आते हैं।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / रवीन्द्र शर्मा