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—29 अक्टूबर को पूर्वांह 09 बजे ज्ञानवापी परिसर में जिलाधिकारी, दोनों पक्ष उपस्थित होकर सील कपड़े का मुआयना करेंगे
वाराणसी, 24 अक्टूबर (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में श्रृंगार गौरी और ज्ञानवापी के सील वजूखाने के ताले में लगे कपड़े बदलने की मांग वाला प्रार्थना पत्र शुक्रवार अपरान्ह जिला जज संजीव शुक्ला की अदालत ने स्वीकार कर लिया है। अदालत ने कहा कि हम कोई आदेश नहीं दे सकते हैं, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट इसकी सुनवाई कर रहा है। स्थानीय स्तर पर अगर दोनों पक्ष सहमत हैं तो कपड़ा बदल दिया जाएगा।
अदालत के निर्देश पर 29 अक्टूबर को पूर्वांह 09 बजे ज्ञानवापी परिसर में जिलाधिकारी,सरकारी अधिवक्ता की उपस्थिति में सभी वादी, प्रतिवादी वजूखाने के ताले में लगे कपड़े का मुआयना करेंगे। जरूरत पड़ने पर सीलबंद ताले के कपड़े बदले जाएंगे।
बताते चले सर्वे के दौरान ज्ञानवापी मस्जिद में मिले शिवलिंग नुमा आकृति वाले एरिया को सिविल जज सीनियर डिवीजन तथा सुप्रीम कोर्ट के आदेश से 16/17-5-2022 को सील किया गया था। इस मामले में प्रार्थना पत्र देने वाले अधिवक्ता राजेश मिश्रा ने न्यायालय को बताया कि सिविल जज सीनियर डिविजन फास्ट ट्रैक कोर्ट ने 2022 में वुजूखाने को सील करने का आदेश दिया था। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने भी मुहर लगाई थी। तीन वर्ष से अधिक समय बीतने से सील ताले का कपड़ा जर्जर हो गया है। उसे बदलना अति आवश्यक है।
इस पर मुस्लिम पक्ष अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी ने आपत्ति जताई । प्रतिवादी पक्ष के अधिवक्ताओं ने कहा कि यह प्रकरण सुप्रीम कोर्ट में भी सुना जा चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ज्ञानवापी के मुकदमे से जुड़े किसी प्रार्थना पत्र पर स्थानीय अदालत कोई आदेश नहीं दे सकती है। इसलिए अर्जीकर्ता को सुप्रीम कोर्ट में आवेदन करना चाहिए। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने अगली सुनवाई की तिथि 24 अक्टूबर निर्धारित की थी।
हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी