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श्रीनगर, 18 अक्टूबर (हि.स.)। भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी (आईआरसीएस), जम्मू और कश्मीर शाखा ने आज श्रीनगर स्थित केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की 82वीं बटालियन के कर्मियों के लिए कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) पर एक व्यापक जागरूकता कार्यक्रम का सफलतापूर्वक आयोजन किया।
इस कार्यक्रम में आपातकालीन स्थितियों में जीवन रक्षक कौशल के महत्व पर ज़ोर दिया गया और सुरक्षा बलों को आवश्यक प्राथमिक उपचार ज्ञान से सशक्त बनाया गया ताकि उच्च जोखिम वाले वातावरण में सुरक्षा और प्रतिक्रिया क्षमताओं को बढ़ाया जा सके।
इस अवसर पर बोलते हुए कुरैशी ने नागरिकों, विशेष रूप से अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं को जीवन बचाने के व्यावहारिक कौशल से लैस करने की आईआरसीएस की प्रतिबद्धता पर ज़ोर देते हुए कहा कि महत्वपूर्ण क्षणों में, समय पर सीपीआर जीवन और मृत्यु के बीच अंतर ला सकता है। इस तरह की पहल जम्मू-कश्मीर में आपातकालीन प्रतिक्रिया में अंतर को पाटती है।
सीपीआर पर जागरूकता सत्र का संचालन प्राथमिक चिकित्सा प्रशिक्षक डॉ. शालिंद्र कौर ने कुशलतापूर्वक किया। उन्होंने छाती के संकुचन, बचाव श्वास सहित प्रमुख तकनीकों का व्यावहारिक प्रदर्शन किया। प्रतिभागियों ने पुतलों का उपयोग करके हृदय गति रुकने, आघात प्रतिक्रिया जैसे परिदृश्यों का अभ्यास किया जिससे वास्तविक जीवन की आपात स्थितियों के दौरान इन कौशलों को लागू करने का आत्मविश्वास बढ़ा।
यह कार्यक्रम राज्य प्राधिकरणों के सहायक के रूप में आईआरसीएस के व्यापक मिशन के अनुरूप है, जो आपदा न्यूनीकरण, स्वास्थ्य शिक्षा और मानवीय सहायता पर केंद्रित है। सीआरपीएफ कर्मियों, जो अक्सर चुनौतीपूर्ण इलाकों में काम करते हैं को जागरूकता प्रदान करके इस पहल का उद्देश्य तत्काल हस्तक्षेप करने में सक्षम प्रथम प्रतिक्रियाकर्ताओं का एक लचीला नेटवर्क बनाना है, जिससे हृदय संबंधी घटनाओं में जीवित रहने की दर दोगुनी हो सकती है।
हिन्दुस्थान समाचार / रमेश गुप्ता