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श्रीनगर, 8 अक्टूबर (हि.स.)।
अपने उद्घाटन समारोह की शानदार सफलता से उत्साहित, हस्तशिल्प एवं हथकरघा निदेशालय, कश्मीर, जीवंत सोलफुल कश्मीर अभियान के अंतर्गत अपने कारीगरों को जानें पहल के दूसरे संस्करण की मेजबानी के लिए पूरी तरह तैयार है।
झेलम रिवर फ्रंट पर मिली जबरदस्त प्रतिक्रिया के बाद, जहाँ लोगों की भीड़ लाइव शिल्प प्रदर्शन देखने, उस्ताद कारीगरों से सीधे संपर्क बनाने और प्रामाणिक जीआई-टैग वाले खज़ानों को प्राप्त करने के लिए उमड़ पड़ी, अब 25 अक्टूबर को शहर के केंद्र में स्थित घंटाघर (घण्टाघर अखाड़ा) पर सबकी नज़र है।
आज यहाँ जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में, विभाग के एक प्रवक्ता ने लोगों से कश्मीर के प्रसिद्ध कारीगरों का समर्थन करने के लिए बड़ी संख्या में आने का आग्रह किया, जिनके उत्कृष्ट हस्तनिर्मित उत्पादों ने वैश्विक बाजारों में सर्वोच्च मानक स्थापित किए हैं।
उन्होंने आगे कहा, एक दोपहर का अनुभव शानदार रहेगा, जिसमें प्रसिद्ध कारीगरों की एक नई श्रृंखला के साथ व्यावहारिक बातचीत होगी, जिसमें जटिल लकड़ी का काम, उत्कृष्ट कढ़ाई और कालातीत बुनाई तकनीक जैसी विशेषताएं प्रदर्शित होंगी।
प्रत्येक रचना के पीछे की आत्मा को झकझोर देने वाली यात्रा को उजागर करने वाले इंटरैक्टिव कहानी सत्र होंगे; और सोलफुल कश्मीर-ब्रांडेड उत्कृष्ट कृतियों पर विशेष सौदों की पेशकश करने वाले जीवंत प्रदर्शन-सह-बिक्री स्टॉल होंगे। विवरण देते हुए, प्रवक्ता ने कहा कि 'अपने कारीगर को जानें' अभियान के दौरान सुबह 10 बजे से रात 9 बजे तक विभिन्न जीआई शिल्प में 10 स्टॉल लगाए जाएंगे। “अभियान में एक अलग 'ट्राई योर हैंड्स' कोना भी होगा जहाँ आगंतुक मिट्टी के बर्तन बनाने के चाक, हथकरघा और पश्मीना कताई का प्रत्यक्ष अनुभव प्राप्त कर सकेंगे।
आगंतुकों से 'वोकल फॉर लोकल' बनने की जोरदार अपील करते हुए, प्रवक्ता ने आशा व्यक्त की कि यह आयोजन कश्मीर की शिल्पकला विरासत में हमारे साझा गौरव को फिर से जगाएगा और साथ ही स्थायी आजीविका के द्वार भी खोलेगा।
हिन्दुस्थान समाचार / रमेश गुप्ता