मढ़-वर्सोवा ब्रिज परियोजना को मिली गति
मढ़-वर्सोवा ब्रिज परियोजना को मिली गति


मुंबई, 15 अक्टूबर (हि.स.)। मढ़ से वर्सोवा को ब्रिज के जरिए सीधे जोड़ा जाएगा। इसके लिए प्रस्तावित पुल परियोजना को गति मिलती दिखाई दे रही है। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने अधिकारियों को इसके काम में तेजी लाने का निर्देश दिया है।

केंद्र सरकार के पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने राज्य सरकार की सिफारिश के बाद इस परियोजना को पर्यावरणीय मंजूरी दे चुकी है। साल 1967 के डीपी में इस परियोजना को प्रस्तावित किया गया था। लेकिन लंबे समय प्रोजेक्ट लटका हुआ है। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के प्रयासों से इसे गति मिली है। तकरीबन 2400 करोड़ रुपये की लागत से यह ब्रिज बनाया जाएगा. वर्तमान में मढ से वर्सोवा पहुंचने में 90 मिनट का समय लगता है। ब्रिज बनने के बाद यह दूरी महज 5 मिनट में पूरी की जा सकेगी। मढ द्वीप को वर्सोवा से जोड़ने वाला यह एक केबल-आधारित ब्रिज प्रोजेक्ट है। यह परियोजना 2.06 किलोमीटर लंबी होगी और मैंग्रोव क्षेत्र से होकर गुजरेगी। यह पुल वर्सोवा–भायंदर कोस्टल रोड से भी जुड़ेगा। आस पास के मैंग्रोज की सुरक्षा होगी। यात्रा समय और ईंधन खपत दोनों में कमी आएगी और CO₂ उत्सर्जन में गिरावट आएगी। पुल पर चार लेन की सड़क होगी। साथ ही पैदल चलने वालों और साइकिल चालकों के लिए अलग रास्ते भी होंगे।

केंद्रीय मंत्री गोयल के अनुसार मढ़ से वर्सोवा सीधा जुड़ जाएगा। इससे मानसून के दौरान बंद रहने वाली फेरी सेवा का विकल्प मिलेगा। विश्वस्तरीय परियोजनाओं का काम चल रहा है। मुंबई शहर के किसी भी कोने से दूसरे छोर पर एक घंटे के भीतर पहुंचा जा सकेगा। सरकार और बीएमसी के सहयोग से मढ–वर्सोवा पुल आधुनिक इंजीनियरिंग का प्रतीक बनेगा। इससे पर्यटन, स्थानीय रोजगार और मछुआरों को लाभ मिलेगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / वी कुमार