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-राज्य सरकार सहित विपक्षियों से चार हफ्ते में कोर्ट ने मांगा जवाब
प्रयागराज, 10 जुलाई (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सहमति से शारीरिक सम्बंध बनाने और शादी का झांसा देकर शारीरिक शोषण करने के आरोप में थाना सिगरा, वाराणसी में 7 जून 24 को दर्ज दुष्कर्म मामले में विवेचना में सहयोग करने की शर्त के साथ आरोपित की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है।
कोर्ट ने शिकायतकर्ता पीड़िता को नोटिस जारी कर राज्य सरकार सहित विपक्षियों से याचिका पर जवाब मांगा है। यह आदेश न्यायमूर्ति राजीव गुप्ता तथा न्यायमूर्ति सुरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने मिथिलेश कुमार मौर्य की याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है।
याचिका पर कहना था कि पीड़िता की आयु 21 वर्ष है। एफआईआर के आरोपों में कहा गया है कि उसको याची से प्यार हो गया था। किंतु उसने शादी का झांसा देकर शारीरिक सम्बंध बनाये और शादी से इंकार कर दिया। यदि आरोपों को देखा जाय तो कोई अपराध नहीं बनता। कोर्ट ने मुद्दा विचारणीय माना और विपक्षियों से चार हफ्ते में जवाब मांगा है। याचिका की अगली सुनवाई 25 सितम्बर को होगी।
हिन्दुस्थान समाचार/आर.एन
हिन्दुस्थान समाचार / रामानंद पांडे / दिलीप शुक्ला