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मुंबई/नई दिल्ली, 28 मार्च (हि.स.)। मुंबई की पैराडक्स टीम ने इतिहास रच दिया है। टीम ने पहली रोबोटिक्स विश्व चैम्पियनशिप के लिए क्वालीफाई किया है। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई स्थित रोबोटिक्स टीम पैराडक्स ने फर्स्ट रोबोटिक्स प्रतियोगिता में हैलिक, तुर्की रीजनल में जीत हासिल की और ह्यूस्टन में विश्व चैम्पियनशिप में जगह बनाई है।
जाने-माने निवेशक मुकुल अग्रवाल के बेटे और कैथेड्रल जॉन कॉनन स्कूल के 9वीं कक्षा के छात्र आकृति अग्रवाल ने इस्तांबुल में हैलिक रीजनल चैंपियनशिप में रोबोट ड्राइवर के रूप में क्वालीफाइ किया है। वे अपनी टीम पैराडक्स का नेतृत्व करते हैं। यह पहली बार है कि किसी भारतीय टीम ने अपने पहले वर्ष की प्रतिस्पर्धा के दौरान हासिल किए गए असाधारण इंजीनियरिंग कौशल के आधार पर वैश्विक प्रतियोगिता के लिए अर्हता प्राप्त की है।
1992 में स्थापित और विज्ञान और प्रौद्योगिकी की प्रेरणा और मान्यता का संक्षिप्त रूप फर्स्ट रोबोटिक्स चैंपियनशिप (एफआरसी) विश्व स्तर पर हाई स्कूल के छात्रों के लिए सबसे सम्मानित रोबोटिक्स प्रतियोगिताओं में से एक है। इसमें दुनियाभर से 7,000 से अधिक टीमें शामिल हैं। टीम पैराडक्स में मुंबई के नौ अलग-अलग स्कूलों के 20 छात्र शामिल हैं।
क्या है प्रथम रोबोटिक्स प्रतियोगिता
फर्स्ट रोबोटिक्स प्रतियोगिता (एफआरसी) एक अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता कार्यक्रम है, जो हाई स्कूल के छात्रों में विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (एसटीईएम) क्षेत्रों के प्रति छात्रों में जुनून जगाता है। इस प्रतियोगिता में हर साल छात्रों की टीमें केवल छह हफ्ते में रोबोटों को डिजाइन करने, बनाने एवं प्रोग्राम करने के लिए सलाहकारों और प्रशिक्षकों के साथ सहयोग करती हैं। इसके अलावा यह टीम वर्क, समस्या-समाधान और वास्तविक दुनिया के इंजीनियरिंग अनुभव को बढ़ावा देता है।
हिन्दुस्थान समाचार/प्रजेश शंकर/दधिबल