अनूपपुर: प्राथमिक स्कूल में माध्यमिक और उच्चतर की कक्षाएं, 87 नवीन भवनों का कार्य अधूरा
अनूपपुर, 27 सितंबर (हि.स.)। कोरोना संक्रमण के 18 माह बाद फिर से जिले में कक्षा एक से 12वीं की पढ़ाई
निर्माणधीन नवीन स्कूल भवन


अनूपपुर, 27 सितंबर (हि.स.)। कोरोना संक्रमण के 18 माह बाद फिर से जिले में कक्षा एक से 12वीं की पढ़ाई आरम्भ हो गई है। जिसमें गाइडलाइन के अनुसार प्रबंधक बच्चों की कक्षाओं का संचालन कर रहे हैं। लेकिन जिले में स्कूल भवनों में कक्षाओं की कमी में बच्चों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

आश्चर्य की बात है कि इनमें प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में कक्षाओं की कमी के बाद भी हायर सेकेंडरी जैसी कक्षाओं का संचालन हो रहा है। ऐसा इसलिए कि प्रस्तावित स्कूल भवनों का निर्माण ही नहीं हुआ है। जहां भवन विहीन स्कूलों के कारण कक्षाओं को प्राथमिक या माध्यमिक स्कूल में मर्ज कर संचालित किया जा रहा है। जबकि खुद प्राथमिक और माध्यमिक स्कूल कक्षाओं की समस्याओं से जूझ रहे हैं।

विभागीय जानकारी अनुसार जिले में कक्षा 1 से लेकर 12वीं तक में लगभग 120 स्कूल में नए भवन की आवश्यकता है। लेकिन विभागीय स्तर पर भेजे जा रहे प्रस्ताव में शासन द्वारा बजट आवंटित नहीं किए जाने से जर्जर स्कूल भवनों में संचालित होने वाली प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों की कक्षाओं की छतों से टूटकर गिरने वाले सीमेंट की परत से छात्रों व शिक्षकों को फिलहाल राहत नहीं मिलने वाली है।

जानकारी के अनुसार जिला शिक्षा परियोजना समन्वयक एवं सर्व शिक्षा अभियान अनूपपुर में पूर्व में ही 87 जर्जर भवनों को चिह्नित कर गिराने का कार्य लोक निर्माण विभाग द्वारा किया जा रहा है। वहीं वर्ष 2021 में भी विभाग ने लगभग 15 और पुराने जीर्ण शीर्ष स्कूल भवनों की सूची लोक निर्माण विभाग को सौंपी है, जहां विभाग द्वारा सर्वेक्षण कराते हुए गिराने का कार्य किया जाएगा और विभाग की प्रस्तावों के अनुसार नवीन भवन की प्रक्रिया आरम्भ की जाएगी।

जिला शिक्षा परियोजना समन्वयक एवं सर्व शिक्षा अभियान के अनुसार शासन द्वारा इन चिह्नित स्कूलों के एवज में शासन द्वारा अब मात्र 30 स्कूलों के निर्माण की स्वीकृति प्रदान की है। ये स्कूल प्रतिवर्ष 10 स्कूलों के रूप में जिले को प्रदाय किए जा रहे हैं। जिनमें सभी स्कूलों का निर्माण कार्य जारी है। इस वर्ष शासन द्वारा मात्र 1 स्कूल भवन निर्माण की स्वीकृति प्रदान की है। विदित हो कि जिले में 1161 प्राथमिक स्कूल तथा 393 माध्यमिक स्कूल संचालित हैं। हाई स्कूल 56 तथा हायरसेकेंडरी स्कूल 81 हैं।

102 प्राथमिक और माध्यमिक स्कूल 30-40 साल पुराने, तीन स्कूल बिना भवन संचालित

जिला शिक्षा परियोजना अधिकारी के अनुसार सभी प्राथमिक और माध्यमिक स्कूल 30-40 वर्ष पुराने हैं, इनमें कुछ भवन 60-70 साल से अधिक पुराने हैं। जिनमें 87 स्कूलों को चिह्नित कर डिसमेंटल कराया जा रहा है। कक्षाओं का संचालन बच्चों की सुरक्षा की दृष्टि से अब ये असुरक्षित है। ये भवन कभी भी हादसे का शिकार बन सकती थी। वहीं 15 नए र्जीण शीर्ष भवन को चिह्नित किया गया है। वहीं तीन स्कूल भवन विहीन संचालित हो रहे हैं। इनमें प्राथमिक स्कूल मुडधोबा पसान, प्राथमिक स्कूल लेबर कॉलोनी बरगवां और प्राथमिक स्कूल आदर्श गांव सिवनी जैतहरी शामिल हैं।

विकासखंड संख्या चिह्नित हुए 87 स्कूल में अनूपपुर 16 में 15 प्राथमिक 1 माध्यमिक,जैतहरी 17 प्राथमिक स्कूल,कोतमा 31 में 29 प्राथमिक 2 माध्यमिक एवं पुष्पराजगढ़ के 23 में 18 प्राथमिक 5 माध्यमिक स्कूल हैं।

आदिवासी विभाग के 20 से अधिक स्कूलों में कार्य अधूरे

एक ओर जहां प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों की हालत दयनीय बनी है। वहीं हायर सेंकेडरी स्कूलों में भवनों की कमी बनी हुई है। विभागीय जानकारी के अनुसार आदिवासी विभाग की तरफ से 20 से अधिक स्कूलों का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हुआ है। जिसके कारण उन भवनों में संचालित कक्षाएं प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों के भरोसे संचालित हो रही है।

पीएन चतुर्वेदी, सहायक आयुक्त आदिवासी विभाग ने बताया कि सभी प्रस्तावित स्कूलों में निर्माण कार्य जारी है, शासन के निर्देश के अनुसार सर्वेक्षण के तहत जीर्ण शीर्ष भवनों का सर्वेक्षण कर नवीन भवन उपलब्ध कराने के प्रयास जारी है।

हिन्दुस्थान समाचार/ राजेश शुक्ला