तीन अधिकारियों पर विशेषाधिकार हनन काे लेकर राय ने स्‍पीकर को लिखा पत्र
पूर्वी सिंहभूम, 9 सितंबर (हि.स.)। विधायक सरयू राय ने धनबाद के उपायुक्त, अनुमंडल पदाधिकारी और बाघमारा अंचल अधिकारी के खिलाफ मंगलवार को विधानसभा के विशेषाधिकार हनन और सदन की अवमानना का गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने इस संबंध में विधानसभाध्यक्ष रबींद्र
विधायक सरयू राय का फोटो फाइल


पूर्वी सिंहभूम, 9 सितंबर (हि.स.)। विधायक सरयू राय ने धनबाद के उपायुक्त, अनुमंडल पदाधिकारी और बाघमारा अंचल अधिकारी के खिलाफ मंगलवार को विधानसभा के विशेषाधिकार हनन और सदन की अवमानना का गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने इस संबंध में विधानसभाध्यक्ष रबींद्र नाथ महतो को पत्र लिखकर तीनों अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है।

सरयू राय ने पत्र में कहा कि 28 अगस्त को झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र में मंत्री ने स्पष्ट रूप से आश्वस्त किया था कि दरिदा मौजा संख्या-120 की जमीन पर हुए अतिक्रमण को 8 सितंबर तक हटा दिया जाएगा। इसके लिए मजिस्ट्रेट और महिला बल सहित सशस्त्र पुलिस बल की तैनाती का भी अनुरोध किया गया था। मंत्री के उत्तर के अनुसार उस दिन कार्रवाई पूरी कर रिपोर्ट सदन में प्रस्तुत किया जाना था।

विधायक ने आरोप लगाया कि तय समय सीमा समाप्त होने के बावजूद धनबाद प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने की कोई पहल नहीं की। न तो बल की प्रतिनियुक्ति की गई और न ही दीवारबंदी कर कब्जाए गए भूखंड को मुक्त कराया गया। इससे यह साबित होता है कि प्रशासन अतिक्रमणकारियों के साथ मिलीभगत में है और सदन को गुमराह कर रहा है।

उन्होंने यह भी याद दिलाया कि इससे पहले 2024 और 2025 के सत्रों में भी उन्होंने अल्पसूचित प्रश्नों के जरिए यह मामला उठाया था। तब सरकार ने स्वीकार किया था कि दबंगों ने अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यक और कमजोर वर्ग की जमीन पर दीवार खड़ी कर कब्जा कर लिया है। बावजूद इसके, आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।

सरयू राय ने कहा कि धनबाद उपायुक्त, अनुमंडल पदाधिकारी और बाघमारा अंचल अधिकारी ने सदन को दिए गए सरकारी आश्वासन की अनदेखी की है, जो विधानसभा की अवमानना और सदस्य के विशेषाधिकार का स्पष्ट हनन है। उन्होंने विधानसभाध्यक्ष से मांग किया कि तीनों अधिकारियों पर अवमानना की कार्रवाई आरंभ की जाए, ताकि भविष्य में सदन की गरिमा और आश्वासन की गंभीरता बनी रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / गोविंद पाठक