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पलामू, 8 सितंबर (हि.स.)। हुसैनाबाद अनुमंडल कार्यालय, पलामू जिले का महत्वपूर्ण प्रशासनिक केंद्र है, जहां से हजारों की संख्या में लोग अपनी समस्याओं का समाधान और सरकारी कार्य कराने पहुंचते हैं। लेकिन विडंबना यह है कि यह कार्यालय खुद अपनी बदहाली की कहानी बयान कर रहा है। भवन की हालत इतनी जर्जर हो चुकी है कि बारिश के दिनों में सभी कमरों में पानी टपकता है और पूरा भवन सीलन से भर जाता है।
अनुमंडल पदाधिकारी की ओर से भवन की मरम्मत के लिए विभाग को कई बार पत्राचार किया गया। इसका प्रमाण 30 दिसंबर 2022 को मुख्य अभियंता, भवन निर्माण विभाग की ओर से जारी पत्र में भी है, जिसमें 1.50 करोड़ रुपये (1,50,88,300/-) की अनुमानित राशि पर भवन के नवीनीकरण का तकनीकी स्वीकृति प्रदान किए जाने का उल्लेख है।
इसके बावजूद मरम्मत कार्य आज तक अधर में लटका हुआ है।
यह स्थिति केवल प्रशासनिक लापरवाही को उजागर नहीं करती, बल्कि यह भी बताती है कि जनता की सुविधा से जुड़े महत्वपूर्ण कार्य किस तरह सालों तक फाइलों में दबे रह जाते हैं। कार्यालय में कार्यरत कर्मचारी और आने वाले आम नागरिक दोनों ही इस जर्जर भवन में असुरक्षित महसूस करते हैं।
समाजेसेवी मिथिलेश सिंह, विनोद सिंह, पंचम खान सहित अन्य ने सवाल उठाते हुए सोमवार को कहा कि जब स्वीकृति और बजट वर्ष 2022 में ही मिल गया था, तो आखिर आज तक कार्य क्यों शुरू नहीं हुआ? क्या जनता की सुविधाओं से जुड़े मामलों को यूं ही ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता रहेगा?
वर्ष 2022 से लंबित यह मामला न केवल सरकारी उदासीनता का उदाहरण है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि व्यवस्था की सुस्ती और लापरवाही किस हद तक आम जनता को परेशानी में डाल सकती है। अब देखना है कि विभाग कब जागता है और कब हुसैनाबाद अनुमंडल कार्यालय का मरम्मती कार्य धरातल पर उतरता है।
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हिन्दुस्थान समाचार / दिलीप कुमार