Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
नई दिल्ली, 08 सितंबर (हि.स.)। उच्चतम न्यायालय के जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने साेमवार काे केंद्रीय निर्वाचन आयोग को आदेश दिया कि वो बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के लिए 12वें दस्तावेज के रुप में आधार कार्ड को स्वीकार करें।
सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि यह तय होना चाहिए कि आधार कार्ड विशेष गहन पुनरीक्षण के लिए स्वीकार है या नहीं। तब जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि आप क्या चाहते हैं। आप चाहते हैं कि आधार को नागरिकता के लिए पहचान पत्र माना जाए। तब सिब्बल ने कहा कि नहीं, बीएलओ नागरिकता तय नहीं करते। हम चाहते हैं कि आधार को विशेष गहन पुनरीक्षण में पहचान के रूप में स्वीकार किया जाए, ताकि मतदाता मतदान कर सकें। कपिल सिब्बल ने कहा कि कोर्ट के तीन आदेश हैं कि आधार को 12 वें दस्तावेज के रूप में स्वीकार किया जाएगा, लेकिन बीएलओ स्वीकार नहीं कर रहे हैं।
सुनवाई के दौरान निर्वाचन आयोग ने कहा कि इस संबंध में बीएलओ को कोई निर्देश जारी नहीं किया गया है। तब कोर्ट ने निर्वाचन आयोग को निर्देश दिया कि वो बीएलओ को निर्देश जारी करें कि आधार कार्ड भी विशेष गहन पुनरीक्षण के लिए मान्य दस्तावेज है। कोर्ट ने कहा कि निर्वाचन आयोग के अधिकारी इस बात के लिए स्वतंत्र हैं कि वो मतदाताओं की ओर से पेश किए गए आधार कार्ड की सत्यता की जांच करें। कोर्ट ने कहा कि आधार कानून के मुताबिक ये नागरिकता का प्रमाण नहीं है, लेकिन जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 23(4) के तहत आधार कार्ड को पहचान के एक दस्तावेज के रुप में मान्यता दी गई है। कोर्ट ने निर्वाचन आयोग के उस अंडरटेकिंग को रिकॉर्ड किया कि आधार कार्ड को पहचान के रुप में स्वीकार किया जाएगा।
इससे पहले 8 सितंबर को उच्चतम न्यायालय ने विशेष गहन पुनरीक्षण में पैरा लीगल वालंटियर्स ड्राफ्ट वोटर लिस्ट पर दावा-आपत्ति दर्ज करने में मतदाताओं की मदद करने का आदेश दिया था। सुनवाई के दौरान निर्वाचन आयोग ने उच्चतम न्यायालय को बताया था कि ड्राफ्ट सूची को लेकर दावे और आपत्ति कभी भी दाखिल की जा सकती है। इसके लिए कोई समय सीमा निर्घारित नहीं है।
कोर्ट ने 22 अगस्त को सुनवाई करते हुए उच्चतम न्यायालय ने निर्देश दिया था कि बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के बाद जिनका नाम वोटर लिस्ट से छूट गया है, वो ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं और इसके लिए फिजिकल जाकर फॉर्म भरना जरुरी नहीं है।
जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने साफ किया था कि वोटर लिस्ट के लिए निर्वाचन आयोग ने जिन 11 दस्तावेज का जिक्र किया है, उनमें से कोई एक या केवल आधार कार्ड से फॉर्म भरा जा सकता है।
हिन्दुस्थान समाचार/संजय
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / अमरेश द्विवेदी