एसआई भर्ती पेपर लीक प्रकरण में एकलपीठ के आदेश पर रोक, ट्रेनियों को फिलहाल फील्ड पोस्टिंग नहीं
जयपुर, 8 सितंबर (हि.स.)। राजस्थान हाई कोर्ट की खंडपीठ ने एसआई भर्ती-2021 पेपर लीक मामले में एकलपीठ की ओर से दिए आदेश की क्रियान्विति पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही खंडपीठ ने चयनित अभ्यर्थियों को फील्ड पोस्टिंग नहीं देने को कहा है। जस्टिस संजीव प्रकाश
हाईकाेर्ट


जयपुर, 8 सितंबर (हि.स.)। राजस्थान हाई कोर्ट की खंडपीठ ने एसआई भर्ती-2021 पेपर लीक मामले में एकलपीठ की ओर से दिए आदेश की क्रियान्विति पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही खंडपीठ ने चयनित अभ्यर्थियों को फील्ड पोस्टिंग नहीं देने को कहा है। जस्टिस संजीव प्रकाश शर्मा और जस्टिस संजीत पुरोहित की खंडपीठ ने यह आदेश अपीलार्थी विक्रम पंवार व अन्य की ओर से दायर अपील पर दिए। खंडपीठ मामले में 8 अक्टुबर को सुनवाई करेगी।

अपील में अधिवक्ता अलंकृता शर्मा ने बताया कि एकलपीठ ने अपने आदेश में एक ओर राज्य सरकार को विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर आरपीएससी को भेजने को कहा है, वहीं दूसरी ओर भर्ती रद्द करने की बात भी कहा है। यह आपस में विरोधाभासी है। इसके अलावा एकलपीठ ने अपने संपूर्ण निर्णय एसओजी, महाधिवक्ता और राज्य सरकार की पहली रिपोर्ट पर ही आधारित रखा है। राज्य सरकार ने बाद में दूसरी रिपोर्ट में अपना रुख स्पष्ट करते हुए फिलहाल भर्ती रद्द नहीं करने की बात कही है, लेकिन एकलपीठ ने इस तथ्य पर ध्यान नहीं दिया। अपील में कहा गया कि एक विषय पर जब राज्य सरकार की पुरानी सिफारिश या रिपोर्ट पर नवीन सिफारिश या रिपोर्ट आ जाती है तो पुरानी एक तरह से प्रभावहीन हो जाती है। राज्य सरकार ने अपनी नवीन सिफारिश में माना है कि भर्ती में शामिल दोषियों की पहचान कर उनकी छंटनी संभव है। वहीं भर्ती होने के बाद अपीलार्थियों का प्रशिक्षण हो गया और वे परिवीक्षा काल में चल रहे हैं। एसओजी ने उनके खिलाफ भी जांच की थी, लेकिन उनके खिलाफ पेपर लीक से जुडा कोई साक्ष्य नहीं मिला। ऐसे में एकलपीठ के आदेश को रद्द किया जाए। गौरतलब है कि एकलपीठ ने गत 14 अगस्त को सभी पक्षों की बहस सुनने के बाद 28 अगस्त को आदेश देते हुए भर्ती को रद्द करने के लिए राज्य सरकार को विस्तृत रिपोर्ट बनाकर आरपीएससी में देने को कहा था। वहीं एकलपीठ ने इस भर्ती के पदों को साल 2025 की भर्ती में जोडते हुए दूसरी सरकारी सेवा छोडक़र आए चयनितों को पूर्व की सेवा में लेने को कहा था। एकलपीठ ने आरपीएससी की कार्यप्रणाली पर स्वप्रेरणा से प्रसंज्ञान लेते हुए उसे जनहित याचिका के तौर पर सुनवाई के लिए मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ में लगाने को कहा था।

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हिन्दुस्थान समाचार / पारीक