फिजियोथेरेपी के विद्यार्थी अब सीखेंगे पल्मोनरी रिहैबिलिटेशनः डा. सोनिया नित्यानंद
पल्मोनरी फिजियोथेरेपी के बिना फिजियोथैरेपी का कोर्स अधूराः डा. के के सिंह लखनऊ,08 सितम्बर (हि.स.)। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग में सोमवार को विश्व फिजियोथैरेपी दिवस मनाया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन कुलपति डॉ. (प्र
कुलपति प्रो. सोनिया नित्यानंद का स्वागत करते डा.सूर्यकांत


पल्मोनरी फिजियोथेरेपी के बिना फिजियोथैरेपी का कोर्स अधूराः डा. के के सिंह

लखनऊ,08 सितम्बर (हि.स.)। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग में सोमवार को विश्व फिजियोथैरेपी दिवस मनाया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन कुलपति डॉ. (प्रो.) सोनिया नित्यानंद व डा. के.के.सिंह ने किया।

केजीएमयू के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग में प्रदेश का पहला ’पल्मोनरी रिहैबिलिटेशन सेंटर’ संचालित है, जहां सांस के रोगियों को फिजियोथेरेपी कराई जाती है। इससे रोगियों के फेफड़ों की क्षमता बढ़ती है और वे अपने दैनिक कार्य बिना सांस फूले कर सकते हैं। यह जानकारी केजीएमयू के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. सूर्यकान्त ने दी।

डॉ. सूर्यकान्त ने बताया कि केजीएमयू का यह सेंटर सांस के मरीजों को निःशुल्क सुविधा उपलब्ध कराता है। इस सेंटर पर अब तक 2000 से अधिक मरीजों को निःशुल्क उपचार प्रदान किया जा चुका है। मरीजों की सुविधा के लिए ’ऑफलाइन’ और ’ऑनलाइन’ दोनों प्रकार की सेवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं। उन्होंने अपने व्याख्यान में यह भी कहा कि “न पर्चा, न चर्चा, न खर्चा रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग में निःशुल्क है सुविधा।“

कुलपति प्रो. सोनिया नित्यानंद ने रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग में संचालित पीआरसी की विशेष सराहना की और यह भी बताया कि नैक की टीम ने भी ’पल्मोनरी रिहैबिलिटेशन सेंटर’ की प्रशंसा की थी। इस उपलब्धि के लिए कुलपति ने डॉ. सूर्यकान्त और विभाग के सभी चिकित्सकों एवं पीआरसी टीम को बधाई दी। साथ ही यह घोषणा की कि अब से फिजियोथेरेपी विद्यार्थियों के लिए फेफड़े की फिजियोथेरेपी सीखने के लिए 2 सप्ताह का प्रशिक्षण अनिवार्य होगा।

इस संबंध में पैरामेडिकल के डीन डॉ. के.के. सिंह ने बताया कि शीघ्र ही यह आदेश पारित किया जाएगा। केजीएमयू के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग की यह बहुत बड़ी उपलब्धि है जिसके लिए डॉ. सूर्यकान्त ने कुलपति और डॉ. के.के. सिंह का आभार व्यक्त किया।

’पल्मोनरी रिहैबिलिटेशन सेंटर’ के सह-प्रभारी डॉ. अंकित कुमार ने बताया कि पीआरसी पर फिजियोथेरेपी के 2 सप्ताह के प्रशिक्षण के दौरान सांस के मरीजों की फेफड़ों की क्षमता बढ़ाने के लिए कौन-कौन से व्यायाम आवश्यक हैं, इसका प्रशिक्षण दिया जाएगा।

इस कार्यक्रम में राम मनोहर लोहिया के पल्मोनरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अजय कुमार वर्मा ने स्वस्थ जीवन में पल्मोनरी के योगदान पर अपने विचार व्यक्त किए। साथ ही राम मनोहर लोहिया से डॉ. पूनम तिवारी ने भी स्वस्थ जीवन में पोषण की उपयोगिता पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया।

’पल्मोनरी रिहैबिलिटेशन सेंटर’ में डॉ. शिवम श्रीवास्तव, डॉ. प्रकृति मिश्रा, दिव्यानी गुप्ता एवं पवन कुमार पाण्डेय कुल चार लोगों की टीम कार्यरत है।

विभाग से डॉ. आर.ए.एस. कुशवाहा, डॉ. दर्शन के. बाजाज, डॉ. आनंद श्रीवास्तव, डॉ. ज्योति बाजपेयी एवं ’सेंटर फॉर एडवांस रिसर्च’ की डॉ. मिनाक्षी तिवारी एवं डा. बंदना चक्रवर्ती उपस्थित रहीं।

इस अवसर पर लगभग 200 से अधिक चिकित्सक, फिजियोथेरेपिस्ट एवं फिजियोथेरेपी के विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया।----------------

हिन्दुस्थान समाचार / बृजनंदन