गुवा गोलीकांड की 45वीं बरसी पर बलिदानियों को पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने दी श्रद्धांजलि
पश्चिमी सिंहभूम, 8 सितंबर (हि.स.)। गुवा गोलीकांड की 45वीं बरसी पर पश्चिमी सिंहभूम के गुवा बाजार स्थित बलिदान (शहीद ) स्थल पर बलिदानियों को पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा सहित अन्य भाजपा नेता ने श्रद्धांजलि दी। इस घटना की स्मृति में बने बलिद
पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने गुवा गोलीकांड के शहिदों को श्रद्धांजलि दी


पश्चिमी सिंहभूम, 8 सितंबर (हि.स.)। गुवा गोलीकांड की 45वीं बरसी पर पश्चिमी सिंहभूम के गुवा बाजार स्थित बलिदान (शहीद ) स्थल पर बलिदानियों को पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा सहित अन्य भाजपा नेता ने श्रद्धांजलि दी।

इस घटना की स्मृति में बने बलिदान स्मारक पर भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष बड़कुंवर गागराई, पूर्व सांसद गीता कोड़ा, पूर्व विधायक शशि भूषण सामड सहित भाजपा के अनेक वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं ने श्रद्धासुमन अर्पित किए।

मौके पर अर्जुन मुंडा ने कहा, जल, जंगल और जमीन की रक्षा के लिए पीढ़ियों ने संघर्ष किया और अंततः साल 2000 में झारखंड राज्य का गठन हुआ। गुवा गोलीकांड केवल एक घटना नहीं, बल्कि आंदोलन की आत्मा है। शहीदों की स्मृति में दो मिनट का मौन भी रखा गया।

झारखंड की जनता आज भी इन बलिदानों को गर्व के साथ याद करती है।

क्या है पूरा मामलाआठ सितंबर, 1980 को सिंहभूम के गुवा में बिहार मिलिट्री पुलिस (बीएमपी) के जवानों ने इलाज करा रहे घायल आठ आदिवासियों को अस्पताल से बाहर निकाल कर गोलियों से भून दिया था। दुनिया के इतिहास में अस्पताल में इलाज करा रहे घायलों को निकाल कर पुलिस की ओर से गोली मार देने की शायद यह पहली घटना थी। घटना के कुछ घंटे पहले गुवा बाजार में झारखंड आंदोलनकारियों और पुलिस के बीच संघर्ष हुआ था, जिसमें चार पुलिसकर्मी और तीन आदिवासी मारे गये थे। चार पुलिसकर्मियों के मारे जाने से पुलिस गुस्से में थी और अनियंत्रित होकर ऐसी घटना को अंजाम दिया था। ये आंदोलनकारी अलग झारखंड राज्य, स्थानीय बेरोजगारों को माइंस मेंं नौकरी देने, जंगल आंदोलन के दौरान गिरफ्तार हुए आंदोलनकारियों की रिहाई और आयरन माइंस से निकले लाल पानी से नष्ट हुए खेत के लिए मुआवजा की मांग कर रहे थे। गुवा गोलीकांड की पूरे देश में चर्चा हुई थी, संसद-विधानसभा में हंगामा हुआ था।

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हिन्दुस्थान समाचार / गोविंद पाठक