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पश्चिमी सिंहभूम, 8 सितंबर (हि.स.)। पश्चिमी सिंहभूम जिला में गुवा गोलीकांड में बलिदान हुए वीरों को भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई। इस मौके पर विधायक सोनाराम सिंकु, विधायक सुखराम उरांव और विधायक निरल पूर्ति ने शहीद स्थल पर पहुंचकर पुष्पांजलि अर्पित की और बलिदानियाें के बलिदान को नमन किया।
विधायकों ने कहा कि बलिदानियाें ने अन्याय और शोषण के खिलाफ संघर्ष करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी थी। उनकी कुर्बानी को भुलाया नहीं जा सकता। उनके सपनों को साकार करना ही सच्ची श्रद्धांजलि होगी। श्रद्धांजलि सभा में बड़ी संख्या में स्थानीय ग्रामीण, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि और आमजन मौजूद थे। ‘
शहीद अमर रहें’ और ‘गुवा के वीर सपूतों को सलाम’ के नारों से पूरा वातावरण गूंज उठा। कार्यक्रम में वक्ताओं ने गुवा गोलीकांड के ऐतिहासिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस आंदोलन ने आदिवासी समाज को संघर्ष की नई दिशा दी थी। उन्होंने मांग की कि सरकार शहीदों के सम्मान में स्थायी स्मारक का निर्माण करे और उनके परिवारों के पुनर्वास की ठोस पहल करे।
उल्लेखनीय है कि गत आठ सितंबर, 1980 को सिंहभूम के गुवा में बिहार मिलिट्री पुलिस (बीएमपी) के जवानों ने इलाज करा रहे घायल आठ आदिवासियों को अस्पताल से बाहर निकाल कर गोलियों से भून दिया था। दुनिया के इतिहास में अस्पताल में इलाज करा रहे घायलों को निकाल कर पुलिस की ओर से गोली मार देने की शायद यह पहली घटना थी। घटना के कुछ घंटे पहले गुवा बाजार में झारखंड आंदोलनकारियों और पुलिस के बीच संघर्ष हुआ था, जिसमें चार पुलिसकर्मी और तीन आदिवासी मारे गये थे। चार पुलिसकर्मियों के मारे जाने से पुलिस गुस्से में थी और अनियंत्रित होकर ऐसी घटना को अंजाम दिया था। ये आंदोलनकारी अलग झारखंड राज्य, स्थानीय बेरोजगारों को माइंस मेंं नौकरी देने, जंगल आंदोलन के दौरान गिरफ्तार हुए आंदोलनकारियों की रिहाई और आयरन माइंस से निकले लाल पानी से नष्ट हुए खेत के लिए मुआवजा की मांग कर रहे थे। गुवा गोलीकांड की पूरे देश में चर्चा हुई थी, संसद-विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ था।
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हिन्दुस्थान समाचार / गोविंद पाठक