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जयपुर, 8 सितंबर (हि.स.)। कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने सोमवार को विधानसभा में कहा कि प्रदेश में पर्याप्त मात्रा में यूरिया की उपलब्धता है एवं सभी जिलों में मांग के अनुसार यूरिया एवं अन्य उर्वरकों की आपूर्ति की गई है। उन्होंने सदन को आश्वस्त किया कि उर्वरकों के वितरण एवं आपूर्ति में अनियमितता की शिकायत प्राप्त होने पर दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी।
कृषि मंत्री प्रश्नकाल के दौरान सदस्य द्वारा इस सम्बन्ध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि वर्ष 2024 एवं 2025 में चूरू जिले में यूरिया की मांग अनुसार आपूर्ति करवाई गई एवं अंतरराष्ट्रीय कीमतों में वृद्धि से डीएपी उर्वरक की आपूर्ति प्रभावित हुई। चूरू जिले के साथ प्रदेश में डीएपी की आंशिक कमी को देखते हुए डीएपी के वैकल्पिक उर्वरक एसएसपी एवं एनपीके की आपूर्ति कृषकों को की गई।
उन्होंने कहा कि फ़र्टिलाइज़र की कालाबाजारी करने वालो पर सरकार सख्ती से कार्रवाई कर रही है। विभाग की विजिलेंस टीम द्वारा लगातार औचक निरीक्षण किये जा रहे है। उन्होंने जानकारी दी कि वर्तमान सरकार के दो साल से भी कम के कार्यकाल में 117 औचक निरीक्षण किये गए जबकि गत सरकार के पूरे कार्यकाल में एक भी औचक निरीक्षण नहीं किया गया। वहीं 423 नमूने, 80 सीजर, 64 एफआईआर की कार्रवाई भी वर्तमान सरकार द्वारा की गई जो अब तक की सर्वाधिक है।
कृषि मंत्री ने जानकारी दी कि विभाग द्वारा गुणवत्तायुक्त उर्वरक किसानों को उपलब्ध कराने के लिए 28 हजार से अधिक नमूने लेकर 126 लाइसेंस निलंबित, 37 निरस्त एवं 11 अधिकारियों को निलंबित करने की कार्यवाही भी की गयी है। उन्होंने कहा कि ग्राम सेवा सहकारी समितियों को प्राथमिकता के आधार पर फ़र्टिलाइज़र उपलब्ध करवाया जाता है जिससे उचित मूल्य पर किसानों को उर्वरक प्राप्त हो। फ़र्टिलाइज़र के साथ अन्य उत्पाद खरीदने पर किसान को मजबूर नहीं किया जा सकता। ऐसे मामले पाये जाने पर दो बड़ी कम्पनियों के गोदाम सील किये गये है।
उन्होंने सदन को बताया कि उर्वरकों की पर्याप्त आपूर्ति के लिए मुख्यमंत्री, कृषि मंत्री, मुख्य सचिव, शासन सचिव कृषि विभाग स्तर से केंद्र सरकार के रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय को पत्र भी लिखा गया है।
इससे पहले विधायक पूसाराम गोदारा के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में कृषि मंत्री ने बताया कि किसानों को खाद उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार द्वारा गत वर्षो में हुई खपत,उपलब्ध स्टॉक एवं बुवाई क्षेत्रफल के आधार पर उर्वरकों की मांग का आंकलन तैयार कर खरीफ एवं रबी फसल मौसम पूर्व कृषि एवं कृषक कल्याण विभाग, भारत सरकार को प्रस्तुत किया जाता है, जिसका आवंटन एवं आपूर्ति का निर्धारण केन्द्र सरकार द्वारा किया जाता है।
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हिन्दुस्थान समाचार / संदीप