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जगदलपुर, 7 सितंबर (हि.स.)। बस्तर जिले के वन परिक्षेत्र के कौड़ावंड-दाबगुड़ा संधि क्षेत्र में मजदूरी भुगतान को लेकर बड़ा घोटाला सामने आया है। जुलाई 2024 में जंगल की छंटाई और सफाई का काम मजदूरों से करा लिया, लेकिन एक साल बीतने के बाद भी उनकी मेहनत की कमाई अब तक नहीं मिली। ग्रामीणों का आरोप है कि वन विभाग के बीटगार्ड ऋषभ ठाकुर ने 32 मजदूरों की कुल 1.80 लाख रुपये की मेहनताना हड़प ली। मजदूरों ने बताया कि उन्हें रोजाना 374 रुपये की दर से काम का भुगतान मिलना था, लेकिन रकम उनके खातों तक कभी नहीं पहुंची और किसी और के खाते में जमा कर निकाल ली गई।
दाबगुड़ा गांव के मजदूर लक्ष्मण, नागेश, जगबंधु, पितम समेत कई 32 ग्रामीणाें ने बीटगार्ड ऋषभ ठाकुर पर गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना है कि साल भर से हमें बस आश्वासन मिलता रहा कि आज-कल पैसा आ जाएगा, लेकिन हकीकत यह है कि रकम किसी और खाते में डालकर निकाल ली गई। यही वजह है कि भुगतान में इतना समय लगाया गया। मजदूरों ने यह भी कहा कि फिलहाल सिर्फ 32 लोग ही सामने आए हैं, जबकि कई और मजदूरों की रकम भी अटकी हुई है। मामले में बकावंड रेंजर मानिकपुरी से जब जानकारी ली गई तो उन्होंने मजदूरों की राशि भुगतान की प्रक्रिया को लेकर गाेलमाेल और अस्पष्ट जवाब दिए।
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हिन्दुस्थान समाचार / राकेश पांडे