गुवाहाटी में 'वृन्दावनी वस्त्र' के लिए अत्याधुनिक संग्रहालय बनाने की योजना
गुवाहाटी, 07 सितम्बर (हि.स.)। भगवान कृष्ण के चित्रित जीवन प्रसगाें से जुड़े दुर्लभ वृन्दावनी वस्त्र काे असम में प्रदर्शन के लिये लाया जाएगा।साेलहवीं शताब्दी में महापुरुष श्रीमंत शंकरदेव के मार्गदर्शन में तैयार किया गया यह अनमोल रेशमी वस्त्र फिलहाल लं
शनिवार को असम के मुख्यमंत्री डॉ हिमंत बिस्व सरमा राजधानी दिसपुर स्थित लोक सेवा भवन में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए।


गुवाहाटी, 07 सितम्बर (हि.स.)। भगवान कृष्ण के चित्रित जीवन प्रसगाें से जुड़े दुर्लभ वृन्दावनी वस्त्र काे असम में प्रदर्शन के लिये लाया जाएगा।साेलहवीं शताब्दी में महापुरुष श्रीमंत शंकरदेव के मार्गदर्शन में तैयार किया गया यह अनमोल रेशमी वस्त्र फिलहाल लंदन के ब्रिटिश संग्रहालय में संरक्षित है।

असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा और जेएसडब्ल्यू फाउंडेशन की प्रमुख संगीता जिंदल के बीच रविवार को गुवाहाटी में वृन्दावनी वस्त्र को प्रदर्शित करने के लिए विश्वस्तरीय संग्रहालय के निर्माण को लेकर विस्तृत चर्चा हुई है। वर्ष 2027 में इसे 18 माह की अवधि के लिए असम लाया जाएगा।

मुख्यमंत्री सरमा ने इस अवसर पर इसे असम की सांस्कृतिक धरोहर के लिए ऐतिहासिक कदम करार दिया। उन्होंने कहा कि भगवान कृष्ण के इस वस्त्र के लिये ब्रिटेन के संग्रहालय की शर्तों के अनुरूप ही गुवाहाटी में एक अत्याधुनिक संग्रहालय का निर्माण किया जाएगा। जेएसडब्ल्यू समूह कारपाेरेट सामाजिक उत्तरदायित्व ( सीएसआर) पहल के तहत इस संग्रहालय को गुवाहाटी में स्थापित करेगा।

इसके अलावा ब्रिटिश म्यूजियम इसका एक उच्च-गुणवत्ता वाला डिजिटल प्रतिरूप भी तैयार करेगा, जिसे फरवरी 2026 में श्रीमंत शंकरदेव कलाक्षेत्र में प्रदर्शित किया जाएगा और ऑनलाइन भी उपलब्ध कराया जाएगा।

गौरतलब है कि वस्त्र में भगवान श्रीकृष्ण के जीवन प्रसंग अंकित हैं और इसमें शंकरदेव की रचित कविता का अंश भी शामिल है। इसे मूलतः 15 टुकड़ों में बुने गए इस वस्त्र को जोड़कर साढ़े नौ मीटर लंबा बनाया गया था। इसे 1904 में ब्रिटेन के संग्रहालय ने तिब्बत से अधिग्रहित किया था।

साेलहवीं शताब्दी में महापुरुष श्रीमंत शंकरदेव के मार्गदर्शन में तैयार किया गया यह अनमोल रेशमी वस्त्र फिलहाल लंदन के ब्रिटिश संग्रहालय में संरक्षित है।

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हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश