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बरेली, 6 सितंबर (हि.स.) । महात्मा ज्योतिबा फुले रोहिलखंड विश्वविद्यालय में चल रहे दिक्षारंभ कार्यक्रम के तहत नए छात्रों को पाठ्यक्रमों और विश्वविद्यालय की सुविधाओं से अवगत कराने के लिए एक सप्ताहीय गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं। इसी क्रम में बहुभाषीय अध्ययन केंद्र द्वारा विदेशी भाषाओं के महत्व पर विशेष सत्र का आयोजन किया गया, जिसमें छात्रों को फ्रेंच, जर्मन, मंदारिन और स्पेनिश जैसी भाषाओं की पढ़ाई से मिलने वाले अवसरों के बारे में जानकारी दी गई।
सत्र की शुरुआत मंदारिन भाषा की शिक्षिका मिस चियाली चेन ने की। उन्होंने छात्रों को बताया कि मंदारिन भाषा सीखने से अंतरराष्ट्रीय व्यापार, तकनीकी सहयोग और वैश्विक संवाद के नए द्वार खुलते हैं। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि ताइवान सरकार मंदारिन डिप्लोमा पाठ्यक्रम के विद्यार्थियों को तीन महीने से एक वर्ष तक की छात्रवृत्ति उपलब्ध कराती है, जिसमें पढ़ाई, रहने और खाने-पीने का पूरा खर्च शामिल होता है। पिछले तीन वर्षों में कई छात्र-छात्राएं इस अवसर का लाभ उठा चुके हैं और इस वर्ष भी विश्वविद्यालय के तीन छात्र एक वर्ष के लिए ताइवान गए हैं।
इसके बाद जर्मन भाषा विशेषज्ञ डॉ. रजनीश गुप्ता ने जर्मन, फ्रेंच और स्पेनिश भाषा के डिप्लोमा पाठ्यक्रमों के महत्व पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि इन भाषाओं का ज्ञान छात्रों को यूरोपीय देशों में उच्च शिक्षा, शोध और रोजगार की दिशा में नए अवसर उपलब्ध कराता है।
मानविकी विभागाध्यक्ष एवं बहुभाषा केंद्र की समन्वयक डॉ. अनीता त्यागी ने बताया कि विदेशी भाषाओं के साथ-साथ एमजेपीआरयू में एम.ए. फंक्शनल हिंदी और एम.ए. पाली भाषा एवं बौद्ध संस्कृति जैसे कोर्स भी संचालित किए जा रहे हैं। इनसे विद्यार्थी रोजगारपरक हिंदी, सृजनात्मक लेखन और बौद्ध दर्शन की गहन समझ प्राप्त कर सकते हैं।
डॉ. त्यागी ने कहा कि इन सभी पाठ्यक्रमों में दाखिले की प्रक्रिया सितंबर माह तक जारी रहेगी। इच्छुक छात्र मानविकी विभाग से संपर्क कर सकते हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / देश दीपक गंगवार