ईडी ने सोनिया और राहुल गांधी के खिलाफ नेशनल हेराल्ड मामले में 2 दस्तावेज जमा किए
नई दिल्ली, 06 सितंबर (हि.स.)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नेशनल हेराल्ड से जुड़े मनी लांड्रिंग के मामले में शनिवार काे कोर्ट की ओर से मांगे गए दो दस्तावेज दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट में दाखिल किया। स्पेशल जज विशाल गोगने ने दोनों दस्तावेजों को सोनिया
राऊज एवेन्यू कोर्ट


नई दिल्ली, 06 सितंबर (हि.स.)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नेशनल हेराल्ड से जुड़े मनी लांड्रिंग के मामले में शनिवार काे कोर्ट की ओर से मांगे गए दो दस्तावेज दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट में दाखिल किया। स्पेशल जज विशाल गोगने ने दोनों दस्तावेजों को सोनिया गांधी, राहुल गांधी समेत प्रस्तावित आरोपितों को उपलब्ध कराने का आदेश दिया। मामले की अगली सुनवाई 16 सितंबर को करने का आदेश दिया।

सुनवाई के दौरान शनिवार काे ईडी की ओर से पेश एएसजी एसवी राजू ने सुब्रमण्यम स्वामी की ओर से 4 जुलाई, 2014 को ईडी के पास दर्ज कराई गयी शिकायत की प्रति और 30 जून, 2021 के एक दस्तावेज की प्रति दाखिल करते हुए इन्हें कोर्ट की रिकॉर्ड में लेने की मांग की। कोर्ट ने दोनों दस्तावेजों को कोर्ट की रिकॉर्ड में लेते हुए इन दस्तावेजों को सभी आरोपितों को उपलब्ध कराने का आदेश दिया। कोर्ट ने सभी आरोपितों को ईडी की शिकायत पर संज्ञान लेने के मामले पर 16 सितंबर को सुनवाई करने का आदेश दिया। 16 सितंबर को सभी प्रस्तावित आरोपितों के वकील भी दलीलें रखेंगे।

बता दें कि, कोर्ट ने 4 सितंबर को ईडी से इन दो दस्तावेजों पर स्पष्टीकरण मांगा था। कोर्ट ने 18 अगस्त को ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर शिव कुमार गुप्ता की मौजूदगी में दस्तावेजों का परीक्षण किया था। इसके पहले 7 अगस्त को कोर्ट ने जांच अधिकारी से पूछा था कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी का इस मामले से क्या लेना-देना है। कोर्ट ने 14 जुलाई को फैसला सुरक्षित रख लिया था। मामले में सुनवाई के दौरान ईडी ने कहा था कि जिन लोगों ने कांग्रेस को दान दिया उनके साथ धोखाधड़ी की गयी। ईडी ने कहा कि जिन लोगों ने दान दिया उनमें से कुछ को टिकट दिए गए। राजू ने गांधी परिवार की उस दलील का विरोध किया कि एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) पर उनका कोई नियंत्रण नहीं था। उन्होंने कहा कि एजेएल ही मूल रुप से नेशनल हेराल्ड की प्रकाशक थी।

इस मामले में राहुल गांधी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील आरएस चीमा ने कहा था कि कांग्रेस ने एजेएल को बेचने की कोशिश नहीं की थी बल्कि वो इस संस्था को बचाना चाहती थी, क्योंकि वो स्वतंत्रता आंदोलन का हिस्सा थी। चीमा ने कहा था कि ईडी एजेएल का मेमोरेंडम ऑफ एसोसिएशन क्यों नहीं दिखा रही है। एजेएल की स्थापना जवाहर लाल नेहरू, जेबी कृपलानी, रफी अहमद किदवई और दूसरे कांग्रेस नेताओं ने 1937 में की थी। चीमा ने कहा था कि एजेएल के मेमोरेंडम ऑफ एसोसिएशन में कहा गया है कि उसकी सभी नीतियां कांग्रेस की होंगी।

सोनिया गांधी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि ईडी ने एक आश्चर्यजनक और अप्रत्याशित मामला बनाया। उन्होंने कहा था कि ईडी ने आश्चर्यजनक से भी ज्यादा मामला बनाया है। ये मनी लांड्रिंग का ऐसा मामला है जिसमें संपत्ति का कोई जिक्र नहीं है। सिंघवी ने कहा था कि यंग इंडियन ने पूरी कार्रवाई एसोसिएटेड जनरल लिमिटेड को कर्ज मुक्त करने के लिए किया। उन्होंने कहा था कि हर कंपनी अपने को कर्ज मुक्त करने के लिए कानून के मुताबिक कदम उठाती है। सिंघवी ने कहा था कि ईडी ने सालों तक कुछ नहीं किया और किसी निजी शिकायत को आधार बनाकर कार्रवाई शुरु की।

कोर्ट ने 2 मई को इस मामले में सोनिया गांधी, राहुल गांधी समेत सात आरोपितों को नोटिस जारी किया था। ईडी ने 15 अप्रैल को कोर्ट में अभियोजन शिकायत दाखिल किया था। ईडी ने इस मामले में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और सैम पित्रोदा को आरोपी बनाया है। ईडी ने मनी लांड्रिंग कानून की धारा 44 और 45 के तहत शिकायत दाखिल किया है।

हिन्दुस्थान समाचार/संजय

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हिन्दुस्थान समाचार / अमरेश द्विवेदी