Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
-संयंत्र से दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ नमो भारत कॉरिडोर की कुल विद्युत खपत की 60 प्रतिशत आवश्यकता की होगी पूर्ति
गाजियाबाद, 6 सितंबर (हि.स.)। एनसीआरटीसी ने नियमित नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन के लिए उत्तर प्रदेश में 110 मेगावाट (एसी) की ग्रिड कनेक्टेड सौर पीवी (फोटोवोल्टिक) पावर संयंत्र स्थापित करेगा। इसके लिए ऑनलाइन निविदाएं आमंत्रित की गयी हैं। एनसीआरटीसी के प्रवक्ता पुनीत वत्स ने बताया कि
इस परियोजना से उत्पन्न विद्युत का उपयोग दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ नमो भारत कॉरिडोर पर ट्रेनों के परिचालन और स्टेशनों की जरूरतों को पूरा करने के लिए किया जाएगा। यह परियोजना कैप्टिव मोड (सिर्फ एनसीआरटीसी के लिए विद्युत आपूर्ति) के तहत स्थापित की जाएगी। सम्पूर्ण नमो भारत कॉरिडोर के संचालन में आने वाले कुल व्यय का लगभग 30-35 फीसदी हिस्सा विद्युत पर खर्च होना अनुमानित है। इस कदम से एनसीआरटीसी विद्युत पर होने वाले व्यय में प्रभावी कटौती करने में सक्षम होगी।
इसके माध्यम से, एनसीआरटीसी का लक्ष्य दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर की कुल ऊर्जा आवश्यकता का 60 फीसदी तक हरित ऊर्जा के माध्यम से पूरा करना है। इसके लिए, एक सरकारी इकाई के साथ संयुक्त उद्यम (जॉइंट वेंचर) बनाकर 110 मेगावाट का सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किया जाएगा। यह संयंत्र उत्तर प्रदेश के किसी भी हिस्से में स्थापित किया जा सकता है।
पर्यावरणीय स्थिरता के प्रति दृढ़ समर्पण के साथ एनसीआरटीसी का लक्ष्य पूरे दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ नमो भारत कॉरिडोर की कुल ऊर्जा आवश्यकता का 70 फीसदी सौर ऊर्जा के माध्यम से पूर्ण करना है। 82 किमी लंबे सम्पूर्ण नमो भारत कॉरिडोर के संचालित होने पर कॉरिडोर के स्टेशनों, डिपो और रिसीविंग-सब स्टेशनों समेत अन्य जगहों पर स्थापित सौर ऊर्जा रूफ टॉप प्लांटों से 15 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन करने का लक्ष्य है। भविष्य में तैयार होने वाले 110 मेगावाट (एसी) की ग्रिड कनेक्टेड सौर पीवी (फोटोवोल्टिक) पावर परियोजना संयंत्र से लगभग 60 प्रतिशत सौर ऊर्जा उत्पन्न करने का लक्ष्य पूर्ण हो जाएगा।
यह परियोजना पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे सालाना लगभग 1,77,000 टन कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) उत्सर्जन कम होने का अनुमान है।
यह सौर ऊर्जा संयंत्र उत्तर प्रदेश राज्य ग्रिड से जोड़ा जाएगा, जिससे नमो भारत कॉरिडोर पर इस ग्रिड के माध्यम से विद्युत की आपूर्ति सुनिश्चित होगी। इस ग्रिड के माध्यम से नमो भारत कॉरिडोर पर बनाए गए रिसीविंग-सब स्टेशनों (आरएसएस) में विद्युत आपूर्ति की जाएगी, जिसके बाद आरएसएस से कॉरिडोर पर विद्युत की आपूर्ति की जा सकेगी।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / फरमान अली