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जयपुर, 6 सितंबर (हि.स.)। राजस्थान हाईकोर्ट ने 18 साल की सेवा पूरी करने के बावजूद शिक्षाकर्मियों को तय 51 हजार 600 रुपए का वेतन नहीं देने पर शिक्षा सचिव और प्रारंभिक शिक्षा निदेशक सहित अन्य से जवाब तलब किया है। जस्टिस महेन्द्र गोयल की एकलपीठ ने यह आदेश जगदीश डिडेल व अन्य की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए।
याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता करीब 18 साल पहले शिक्षा विभाग में नियुक्त हुए थे। वहीं बाद में उन्हें पाठशाला सहायक बनाया गया। इसी तरह अन्य संविदा अध्यापक भी सालों से काम कर रहे हैं। राज्य सरकार ने 15 अप्रैल, 2023 को आदेश जारी कर 18 साल पूरी करने वाले ऐसे शिक्षाकर्मियों को 51 हजार 600 रुपए मासिक वेतन देना तय किया था। आदेश के तहत कई जगहों पर ऐसे शिक्षाकर्मियों को लाभ दिया जा चुका है, लेकिन याचिकाकर्ताओं को आज तक वेतन के तौर पर नाममात्र की राशि दी जा रही है। ऐसे में उन्हें अप्रैल, 2023 में निर्धारित वेतन और उसके आधार पर अब तक का बकाया एरियर भी अदा किया जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / पारीक