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लखनऊ, 06 सितंबर (हि.स.)। कांग्रेस पार्टी ने उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम लिमिटेड के गठन के निर्णय का विरोध किया है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी असंगठित कामगार के प्रकोष्ठ के चेयरमैन व पूर्व सांसद डॉ. उदित राज ने शनिवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय लखनऊ में प्रेसवार्ता को सम्बोधित किया।
डॉ. उदित राज ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार आउटसोर्स सेवा निगम को तुरंत समाप्त करे। स्वीकृत पदों पर कर्मचारियों को सीधे सरकारी पदों पर नियुक्त करने के लिए एक पारदर्शी भर्ती प्रणाली स्थापित करे। मौजूदा आउटसोर्स कर्मचारियों को नियमितीकरण प्रदान करे। समान कार्य के लिए समान वेतन, करियर में प्रगति और सामाजिक सुरक्षा की गारंटी दे।
उन्हाेंने कहा कि प्रदेश सरकार कर्मचारी और मजदूर विरोधी है। यह सरकार इनके हक पर डाका मार रही है। यदि सरकार इस मजदूर विरोधी फैसले को वापस लेने और सीधी सरकारी भर्ती की दिशा में आगे बढ़ने में विफल रहती है, तो असंगठित कामगार और कर्मचारी कांग्रेस (केकेसी) इस शोषणकारी नीति को उजागर करने और विरोध करने के लिए उत्तर प्रदेश और देश भर में श्रमिकों को लामबंद करेगी।
कांग्रेस नेता ने कहा कि बहुजन समाज पार्टी जब-जब सत्ता में आयी अनुसूचित जाति/जन जातियों के अधिकारों पर कुठाराघात किया। जितना विकास दलितों का कांग्रेस ने किया अगर वही बचा रहता तो अब तक ये और आगे निकल गए होते ।
डॉ. उदित राज ने कहा कि 6 सितंबर 2011 को मायावती की सरकार ने उप्र में अनुसूचित जाति/ जन जाति के लिए बने छात्रावासों में से 30 प्रतिशत सामान्य वर्ग के लिए आदेश निकाल दिया था। उ.प्र. में करीब 266 हॉस्टल हैं, ज्यादातर कांग्रेस की सरकारों ने बनाए थे। अनुसूचित जाति/जनजाति के छात्र आंदोलन कर रहे हैं कि उनके लिए छात्रावास कम पड़ रहे हैं इसलिए 30 प्रतिशत काटे गए निरस्त हों।
आबादी बढ़ी है और उसके अनुपात में छात्र भी बढ़े हैं और ऐसे में अनुसूचित जाति/जनजाति के लिए और हॉस्टल बनने चाहिए। पिछड़े वर्ग की आबादी सर्वाधिक है तो इनके लिए राम मनोहर लोहिया, ज्योतिबा फुले, सावित्री बाई फुले, फातिमा शेख, पेरियार आदि के नाम से हज़ारों हॉस्टल बनाना चाहिए।
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हिन्दुस्थान समाचार / बृजनंदन