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- याची के तर्कों को खारिज करते हुए कहा- पहले हालात संभालना जरूरी
चंडीगढ़, 05 सितंबर (हि.स.)। पंजाब-हरियाणा उच्च न्यायालय ने बाढ़ के संबंध में दायर की गई जनहित याचिका को खारिज कर दिया है। मुख्य न्यायाधीश शील नागू ने कहा कि अभी हालात को संभालना प्राथमिकता है, बाद में कानूनी प्रक्रिया पूरी होगी।
उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को यह कहते हुए याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया कि इस समय अधिकारी जमीनी हालात संभालने में जुटे हैं, इसलिए उन्हें हलफनामा दाखिल करने के लिए मजबूर नहीं कर सकते। उच्च न्यायालय में दायर की गई जनहित याचिका में कहा गया कि भाखड़ा, पोंग और अन्य बांधों से पानी छोड़े जाने के बाद निचले इलाकों में समय पर अलर्ट जारी नहीं किया गया। सतलुज और घग्गर नदी किनारे बने तटबंध और नहरें कमजोर पड़ी थीं, जिन्हें पहले ही मजबूत किया जाना चाहिए था।
याचिका में उच्च न्यायालय से अपील की गई थी कि प्रभावित किसानों और ग्रामीणों को तत्काल मुआवजा दिया जाए, तटबंधों की स्थायी मजबूती के लिए दीर्घकालिक योजना बनाई जाए और लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाए। उच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया कि इस समय प्राथमिकता जमीनी हालात को संभालना है, न कि न्यायिक कार्यवाही में अधिकारियों को उलझाना। इसलिए, अदालत ने इस जनहित याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार करते हुए इसे खारिज कर दिया।
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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा