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जगदलपुर, 4 सितंबर (हि.स.)। बस्तर जिले में पिछले सप्ताह हुई अतिवृष्टि ने जहां एक ओर जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया, वहीं बाढ़ के कारण लोहंडीगुड़ा तहसील के मांदर में लोगों ने भीषण आपदा का सामना किया है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय निर्देशानुसार बाढ़ के कारण हुए नुकसान से जूझ रहे लोगों के लिए जिला प्रशासन द्वारा सहायता और मुआवजे की प्रक्रिया आज गुरूवार से शुरू की गई, जिससे पीड़ित परिवारों को एक बड़ी राहत मिली है। सरकार का ध्यान इस बात पर है कि किसी भी पीड़ित परिवार को उनकी जरूरत के समय अकेला न छोड़ा जाए। इसके लिए, मकान क्षति सहित पशु, फसल और घरेलू सामग्री की क्षति का विस्तृत ब्यौरा तैयार कर, हर एक प्रकरण पर गंभीरता से काम किया जा रहा है। इस प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता बरती जा रही है, ताकि जरूरतमंद प्रभावितों तक मुआवजा राशि सीधे और समय पर पहुंच सके।
बाढ़ से प्रभावित गांवों में राहत दल तेजी से काम कर रहे हैं। इसके साथ ही प्रभावित गांवों में राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा प्रभावित किसानों को किसान किताब वितरित की जा रही है, जो बाढ़ के कारण बह गई थी। किसान किताब के मिलने से किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने और भविष्य में किसी भी सहायता के लिए पात्र बनने में मदद करेगी। वहीं प्रभावितों को नवीन राशन कार्ड, किसान क्रेडिट कार्ड एवं बैंक पासबुक तैयार कर प्रदान किया जा रहा है। इसके साथ ही जिला प्रशासन की टीमें नुकसान का आकलन करने के लिए घर-घर सर्वे कर रही हैं और पात्रता के अनुसार तत्काल राहत राशि सीधे उनके खातों में ट्रांसफर कर भुगतान कर रही हैं।
स्थानीय प्रभावित परिवारों ने सरकार की इस पहल की सराहना करते हुए ग्रामीण मुरहा पटेल ने कहा कि हमने सोचा था कि बाढ़ के बाद सब कुछ खत्म हो गया, लेकिन सरकार की इस त्वरित मदद ने हमें फिर से जीवन को नये सिरे से शुरू करने की उम्मीद दी है। इस तरह के प्रयास बाढ़ पीड़ितों को आर्थिक और मानसिक दोनों तरह से सहारा देते हैं, जिससे उन्हें जीवन को सामान्य पटरी पर लाने में मदद मिलेगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / राकेश पांडे