झेलम तटबंध में दरार के बाद बडगाम के प्रभावित इलाकों से 9,000 लोगों को निकाला गया
श्रीनगर, 04 सितंबर (हि.स.)। झेलम तटबंध में दरार के बाद गुरुवार को एहतियात के तौर पर बडगाम के प्रभावित इलाकों से लगभग 9,000 लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। श्रीनगर के कुछ हिस्सों, खासकर लासजान जैसे निचले इलाकों में एहतियातन निकास
झेलम तटबंध में दरार के बाद बडगाम के प्रभावित इलाकों से 9,000 लोगों को निकाला गया


श्रीनगर, 04 सितंबर (हि.स.)। झेलम तटबंध में दरार के बाद गुरुवार को एहतियात के तौर पर बडगाम के प्रभावित इलाकों से लगभग 9,000 लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। श्रीनगर के कुछ हिस्सों, खासकर लासजान जैसे निचले इलाकों में एहतियातन निकासी अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और अन्य बचाव दल मौके पर मौजूद हैं।

कश्मीर के संभागीय आयुक्त अंशुल गर्ग ने गुरुवार को संवाददाताओं से कहा कि बडगाम के कुछ इलाके जलमग्न हो गए थे, लेकिन एहतियात के तौर पर हमने कल रात ही लोगों को निकालने का काम शुरू कर दिया था। किसी भी तरह की जान-माल की हानि से बचने के लिए लगभग 9,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। संभागीय आयुक्त ने कहा कि कल रात से मौसम में सुधार हुआ है और संगम तथा राम मुंशी बाग सहित प्रमुख स्थानों पर जल स्तर धीरे-धीरे कम हो रहा है।

उन्होंने कहा कि श्रीनगर के कुछ हिस्सों, खासकर लासजान जैसे निचले इलाकों में एहतियातन निकासी अभियान चलाया जा रहा है। एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और अन्य बचाव दल मौके पर मौजूद हैं। हम समन्वय सुनिश्चित करने के लिए व्यक्तिगत रूप से स्थिति पर नज़र रख रहे हैं। नियमित रूप से सलाह जारी की जा रही है, ताकि किसी को कोई नुकसान न हो। अंशुल गर्ग ने कहा कि सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग झेलम तटबंधों को मज़बूत करने के लिए लगातार काम कर रहा है और किसी भी कमज़ोर जगह पर काम करने के लिए तैयार है।

उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि घाटी में भोजन, बिजली और कनेक्टिविटी सहित आवश्यक आपूर्ति अप्रभावित बनी हुई है। अंशुल गर्ग ने कहा कि घबराने की कोई ज़रूरत नहीं है। लोगों से मेरा अनुरोध है कि वे शांत रहें, सलाह का पालन करें और किसी भी आपात स्थिति में पहले से जारी किए गए नंबरों पर ज़िला प्रशासन से संपर्क करें।-------------------------

हिन्दुस्थान समाचार / बलवान सिंह