बस्तर में टैलेंट की कमी नहीं, जरूरत सिर्फ हाथ पकड़ने की- मल्लखंब दल के कोच मनोज प्रसाद
रायगढ़ , 3 सितंबर (हि.स.)। बस्तर में टैलेंट की कोई कमी नहीं है। जरूरत है तो बस उन्हें आगे बढ़ाने के लिए हाथ पकड़ने की। ऐसे में शासन को भी चाहिये कि हर जिले में हर जिले में कला को निखारने के लिए एक केन्द्र की स्थापना करे ताकि बच्चे खेल से जुड़ सकें। उक्त
बस्तर टीम की पत्रकार वार्ता


रायगढ़ , 3 सितंबर (हि.स.)। बस्तर में टैलेंट की कोई कमी नहीं है। जरूरत है तो बस उन्हें आगे बढ़ाने के लिए हाथ पकड़ने की। ऐसे में शासन को भी चाहिये कि हर जिले में हर जिले में कला को निखारने के लिए एक केन्द्र की स्थापना करे ताकि बच्चे खेल से जुड़ सकें। उक्त बातें अबूझमाड़ मल्लखंब दल के कोच और कोरियोग्राफर मनोज प्रसाद ने आज यहां पत्रकारों से बातचीत के दौरान कही।

अबूझमाड़ मल्लखंब टीम ने छत्तीसगढ़ का नाम रोशन करते हुए रियलिटी शो इंडियाज गॉट टैलेंट के 2023 का खिताब अपने नाम किया है और अपनी प्रतिभा, लगन के बुते बहुत ही कम समय में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंचों में अपनी ख्याति बटोरी है। पहली बार ये टीम अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त चक्रधर समारोह में अपनी कला का प्रदर्शन करने के लिए पहुंची है। समारोह में शिरकत करने से पहले पूरी टीम ने यहां जिंदल गेस्ट हाउस में पत्रकारों से बातचीत की।

अबूझमाड़ मल्लखंब दल के कोच और कोरियाग्राफर ने बताया कि वे पहले बस्तर एसटीएफ में थे। वहां उन्हें उनके जनरल ने मल्लखंब सीखने की सलाह दी। तभी से उनमें कोच बनने की इच्छा जागृत हुई और मल्लखंब सीखने के बाद उन्होंने बस्तर की कला को निखारने का जिम्मा अपने कंधो में ले लिया। उन्होंने कहा कि बस्तर में टैलेंट की कोई नहीं है, जरूरत है तो बस उनका साथ देने और हाथ पकड़ने की। उन्होंने कहा कि उनकी टीम में 10 साल के बच्चे से लेकर 30 साल तक के युवा शामिल हैं। जिनमें से कई युवा रोमानिया सहित कई देशों में अपनी कला का प्रदर्शन कर चुके हैं जबकि आने वाले समय में अमेरिका और ब्रिटेन भी जाने वाले हैं। उन्होंने कहा कि देश में कई प्राचीन खेल हैं जिनमें मल्लखंब भी शामिल है। बच्चों और युवाओं को इससे जुड़ना क्योंकि इससे न सिर्फ शरीर को मजबूती मिलती हैं बल्कि कई रोगों से लड़ने की शक्ति भी मिलती है।

चक्रधर समारोह में अपनी कला का प्रदर्शन करने के लिए पहुंची इस टीम में गजब का उत्साह दिखाई दे रहा था। टीम के कोरियोग्राफर ने कहा कि वे काफी सौभाग्यशाली हैं जिन्हें चक्रधर समारोह जैसे बड़े मंच पर आने का मौका मिला क्योंकि यह एक ऐसा मंच है जहां बड़े-बड़े कलाकार आने को तरसते हैं। उन्होंने कहा कि शासन को चाहिये कि गांव-गांव में छिपी प्रतिभा को निखारने के लिए हर जिले में एक केन्द्र की स्थापना करे ताकि बच्चे खेल से जुड़ सकें और अपनी कला को निखार सकें।

हिन्दुस्थान समाचार / रघुवीर प्रधान