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-कई मकानों को हुआ नुकसान, करीब आधा दर्जन मवेशियों की मौत
बलरामपुर, 3 सितंबर (हि.स.)। बलरामपुर जिले के ग्राम धनेशपुर के करीब चार दशक पुराना लूती बांध बीते देर रात अचानक टूट गया। बांध का पानी आसपास के निचले इलाके में कहर बनकर पहले एक मकान में टूटा। जहां एक ही घर के छह लोग बह गए जबकि कुछ घायल भी हुए है हादसे में कुल सात लोग बहे जिनमें अबतक चार लोगों का शव बरामद कर लिया गया है जबकि तीन लापता बताए जा रहे है। बीते रात से ही जिला प्रशासन, पुलिस और एनडीआरएफ की टीम राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई है।रामानुजगंज विधानसभा के पूर्व विधायक बृहस्पत सिंह ने प्रशासन पर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा यह हादसा बांध प्रबंधक और प्रशासन के द्वारा देख रेख न करने के कारण हुआ है। अगर समय समय पर बांध का मरम्मत होता तो बांध नहीं टूटता और यह दुखद हादसा नहीं होता।
चार लोगों के शव बरामद, तीन लापता
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार, बांध के निचले इलाके में रह रहे सात लोग इस हादसे में बह गए। जिसमें एक ही परिवार छह लोग शामिल है। पुलिस और एनडीआरएफ की टीम देर रात दो शव को बरामद किया है। आज बुधवार की सुबह दो और शव बरामद किए गए है। मृतकों में बतसईया (62 वर्ष महिला), चिंता (35 वर्ष महिला), रजंति (25 वर्ष महिला) और एक नाबालिग बच्चा शामिल है। जबकि इस हादसे में तीन लोग घायल हुए है। जिनका इलाज जिला अस्पताल में जारी है। पुलिस के अनुसार हादसे में चार लोगों के शव अब तक बरामद किए जा चुके है जबकि तीन और लापता बताए जा रहे है।
लूती बांध टूटने के बाद पानी की बहाव इतना था कि, अपने पीछे तबाही का मंजर छोड़ गया। कई लोगों के इसमें घर भी क्षतिग्रस्त हो गए। मलबा करीब चार से पांच किलोमीटर दूर तक बह गया। प्रत्यक्षदर्शी राम किशन राम बताते है कि, बीते रात करीब 10 बजे अचानक बाढ़ का पानी घर के करीब बने नाले के ऊपर से बह रहा था। बांध के पानी की चपेट में आने से हमारा घर भी धंस गया है।
कई किलोमीटर दूर बहा मलबा, करीब आधा दर्जन मवेशियों की मौत
ग्राम पंचायत विश्रामपुर के गांव धनेशपुर से होते हुए बांध का पानी रजबंधा होते हुए कन्हर में विलीन हो गई और अपने साथ कई किलोमीटर दूर तक मलबा छोड़ गई। हादसे में मवेशियों की भी जान गई है। किसान अपनी खेतों में मवेशियों को बांध कर रखे थे। मवेशी बंधे होने के कारण अपने आप को सुरक्षित स्थान पर नहीं ले जा सके जिसके कारण करीब आधा दर्जन मवेशियों की मौत हो गई है।
दो वर्ष से ज्यादा समय से हो रहा था सीपेज
पूर्व विधायक बृहस्पत सिंह ने आज अपने बयान में कहा कि कहा कि बांध में करीब दो वर्ष से भी अधिक समय से सीपेज हो रहा था। अगर बांध को मरम्मत कर सीपेज बंद कर दिया जाता तो आज यह दुखद हादसा नहीं होता। प्रशासन और बांध प्रबंधक की लापरवाही के कारण यह हादसा हुआ है। जब से बांध बना था तब से लोगों को खेती करने में आसानी होता था। इससे वॉटरलेवल भी ऊपर हो गया था। नलकूप से आसानी से पानी निकल जाता था। रबी और खरीफ फसल की पैदावार भी अच्छे से हो रही थी। बांध से किसान खुशहाल जीवन जी रहे थे। पीड़ितों को मुआवजा और उन्हें फिर विस्थापित किया जाए।
बलरामपुर एसडीएम अभिषेक गुप्ता ने बताया कि, तहसील बलरामपुर के ग्राम धनेशपुर में बने लूती बांध के टूटने की सूचना बीते रात करीब 9 मिली थी। बांध टूटने के बाद पानी काफी फोर्स से आया और एक घर को पूरी तरीके से बहा कर ले गया और एक घर क्षतिग्रस्त भी हुआ है। चार लोगों के अब तक शव बरामद हो चुका है। एनडीआरएफ की टीम लापता लोगों के तलाश में जुटी है। सभी चार शव को जिला अस्पताल भेज दिया गया है। हादसे में तीन लोग घायल भी हुए थे जिनका जिला अस्पताल में इलाज जारी है।
पीड़ितों को रुकने की हुई व्यवस्था
उन्होंने कहा हादसे में प्रभावित लोगों के लिए विश्रामनगर के पंचायत भवन में रुकने की व्यवस्था की गई है। पीड़ितों के लिए इलाज और खाने पीने के लिए भी व्यवस्था की गई है। और भी जितने प्रभावित है सभी को पंचायत भवन में शिफ्ट किया जा रहा है।
हिन्दुस्थान समाचार / विष्णु पांडेय