इलेक्ट्रिक वाहन खरीदारों को बिना देरी दिल्ली सरकार सब्सिडी दें : दिल्ली हाई कोर्ट
नई दिल्ली, 03 सितंबर (हि.स.)। दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया है कि वो इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने वाले ग्राहकों को वादे के मुताबिक सब्सिडी देने के लिए जल्दी कदम उठाए। चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि दिल्ली स
दिल्ली हाई कोर्ट


नई दिल्ली, 03 सितंबर (हि.स.)। दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया है कि वो इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने वाले ग्राहकों को वादे के मुताबिक सब्सिडी देने के लिए जल्दी कदम उठाए। चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि दिल्ली सरकार इस दलील से नहीं बच सकती है कि 2020 की दिल्ली इलेक्ट्रिक वाहन योजना में सब्सिडी देने का टाइमलाइन तय नहीं की गई है।

सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय ने इस बात पर गौर किया कि दिल्ली सरकार के पास फंड है, लेकिन प्रक्रियाओं में जटिलता की वजह से ग्राहकों को सब्सिडी देने में देरी की जा रही है। हाई कोर्ट ने दिल्ली के परिवहन विभाग को आदेश दिया कि वो ग्राहकों को सब्सिडी देने के लिए एक खास बैंक खाता रखें ताकि भुगतान में देरी न हो। याचिका जन सेवा वेलफेयर सोसायटी नामक संस्था ने दायर किया था।

याचिका में कहा गया था कि दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने वालों में से कई लोगों को अभी तक सब्सिडी नहीं मिली है। याचिका में कहा गया था कि 2020 की इलेक्ट्रिक वाहन नीति में सब्सिडी के रुप में ग्राहकों को प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान है। इस नीति का लक्ष्य था कि दिल्ली में जो नई गाड़ियां खरीदी जाए उसमें 25 फीसदी इलेक्ट्रिक वाहन हों। अगर कोई व्यक्ति इलेक्ट्रिक वाहन खरीदता है, तो वो डीलर को पूरी रकम का भुगतान करता है लेकिन बाद में ग्राहक के खाते में सब्सिडी की रकम आती है।

याचिका में कहा गया था कि सूचना के अधिकार कानून के तहत मिली जानकारी से पता चला कि दिल्ली सरकार ने अभी तक इलेक्ट्रिक वाहन मालिकों को 48 करोड़ की सब्सिडी का भुगतान नहीं किया है। सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार की ओर से पेश वकील ने कहा कि 78 हजार करोड़ से ज्यादा ग्राहकों को 179 करोड़ से ज्यादा की सब्सिडी दी जा चुकी है।

हिन्दुस्थान समाचार/संजय

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हिन्दुस्थान समाचार / अमरेश द्विवेदी