कम अंक वालों को गृह जिला दिया तो याचिकाकर्ताओं को देने पर भी करो विचार
जयपुर, 3 सितंबर (हि.स.)। राजस्थान हाईकोर्ट ने तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती-2022 में प्रार्थी को राहत देते हुए स्कूल शिक्षा विभाग को कहा है कि यदि उससे कम अंक वाले अन्य अभ्यर्थी को गृह जिला दिया है तो फिर उसे भी गृह जिला देने के संबंध में विचार किया जाए।
हाईकाेर्ट


जयपुर, 3 सितंबर (हि.स.)। राजस्थान हाईकोर्ट ने तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती-2022 में प्रार्थी को राहत देते हुए स्कूल शिक्षा विभाग को कहा है कि यदि उससे कम अंक वाले अन्य अभ्यर्थी को गृह जिला दिया है तो फिर उसे भी गृह जिला देने के संबंध में विचार किया जाए। वहीं प्रार्थी को भी इस संबंध में विभाग के समक्ष अभ्यावेदन देने के लिए कहा है। जस्टिस आनंद शर्मा ने यह आदेश ओमप्रकाश गुर्जर की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।

याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने बताया कि प्रार्थी ने शिक्षक भर्ती परीक्षा में भाग लिया और एमबीसी नॉन क्रीमी लेयर वर्ग में उसके 186.5727 अंक आए हैं। भर्ती के जारी किए पुन: परिणाम में उससे कम अंक वाले अन्य अभ्यर्थी को गृह जिला आवंटित किया है। जबकि हाईकोर्ट ने पूर्व में कहा था कि जिले का आवंटन मेरिट के अनुसार ही होना चाहिए। प्रार्थी के अंक ज्यादा हैं और उसने भी अपने गृह जिले को पहली प्राथमिकता के तौर पर रखा था। इसके बावजूद उसे गृह जिला नहीं दिया गया। इसलिए राज्य सरकार को निर्देश दिए जाए कि उसे नियुक्ति के लिए गृह जिला आवंटित किया जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने कहा कि यदि प्रार्थी से कम अंक वाले को गृह जिला दिया है तो फिर प्रार्थी के आदेश को संशोधित कर उसे भी गृह जिला आवंटन करने पर विचार किया जाए।

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हिन्दुस्थान समाचार / पारीक