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खूंटी, 2 सितंबर (हि.स.)। राज्य की हेमंत सरकार ने यदि आंगनबाड़ी सहायिका-सेविआकों की मांगों पर ध्यान नहीं दिया, तो 10 सितंबर से राज्यभर की सेविका-सहायिकाएं विधानसभा के समक्ष धरना देंगी और उसी दिन से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चली जाएगी। यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक मांगें पूरी नहीं हो जाती।
ये बातें खूंटी जिला आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका संघ की अध्यक्ष रंजीता देवी ने कही।
रंजीता देवी मंगलवार को समाहरणालय के समक्ष आयोजित धरने को संबोधित कर रही थी।
मुसलाधार बारिश के बावजूद छाता ओढ़कर और टेंट लगाकर जिले भर की आंगनबाड़ी सेविका और सहायिकाओं ने अपनी मांगों को लेकर समाहरणालय के समक्ष एक दिवसीय धरना दिया। धरने में झारखंड प्रदेश आंगनबाड़ी वर्कर्स यूनियन की अध्यक्ष वीणा सिन्हा, कार्यकारी अध्यक्ष बालमुकुंद सिन्हा सहित कई पदाधिकारी मौजूद थे।
कार्यक्रम का नेतृत्व खूंटी जिला आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका संघ की अध्यक्ष रंजीता देवी ने किया। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका को सरकारी कर्मचारी घोषित करते हुए आंगनबाड़ी सेविकाओं को 26 हजार रुपये और सहायिकाओं को 20 हजार रुपये का मासिक वेतन दिया जाए। अब मानदेय नहीं, बल्कि वेतन चाहिए। साथ ही उन्हें ग्रेच्यूटी का लाभ भी मिले।
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हिन्दुस्थान समाचार / अनिल मिश्रा