मिलेट मिशन योजना में तिथि खत्‍म होने के बाद छपा विज्ञापन, किसान नाराज
पलामू, 2 सितंबर (हि.स.)। राज्‍य सरकार की महत्वाकांक्षी झारखंड मिलेट मिशन योजना किसानों को प्रोत्साहन देने के लिए चलाई गई है, लेकिन जिला कृषि पदाधिकारी कार्यालय की लापरवाही ने इस योजना को मजाक बना दिया है। विभाग की ओर से जारी विज्ञापन के मुताबिक किसा
मिलेट मिशन योजना


पलामू, 2 सितंबर (हि.स.)। राज्‍य सरकार की महत्वाकांक्षी झारखंड मिलेट मिशन योजना किसानों को प्रोत्साहन देने के लिए चलाई गई है, लेकिन जिला कृषि पदाधिकारी कार्यालय की लापरवाही ने इस योजना को मजाक बना दिया है। विभाग की ओर से जारी विज्ञापन के मुताबिक किसानों को आवेदन की अंतिम तिथि 30 अगस्त तक रखी गई थी, जबकि यह विज्ञापन अखबारों में दो सितंबर को प्रकाशित हुआ। यानी जब तक किसान जानकारी पाते, तब तक आवेदन की समय-सीमा बीत चुकी थी।

इस योजना के तहत झारखंड सरकार किसानों को मोटे अनाज (मिलेट) की खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। किसानों को प्रति एकड़ 3000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जानी है। अधिकतम पांच एकड़ भूमि तक के लिए यह राशि मिलनी थी। पात्र किसान वही होंगे जो झारखंड राज्य के स्थायी निवासी हैं और अपने खेत या पट्टे की भूमि पर मिलेट की खेती कर रहे हैं। न्यूनतम 10 डिसमिल से लेकर पांच एकड़ तक खेती करने वाले किसान इसमें शामिल किए गए हैं। आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेजों में भूमि दस्तावेज, मुखिया की ओर से सत्यापित वंशावली, आधार कार्ड, बैंक पासबुक, बटाईदार किसान के लिए भूमि स्वामी का प्रमाण पत्र जरूरी है।

किसानों ने कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए मंगलवार को कहा कि जब योजना की अंतिम तिथि 30 अगस्त थी, तो विज्ञापन 2 सितंबर को क्यों प्रकाशित किया गया? जाहिर है कि यह किसानों को योजना से वंचित करने की साजिश या फिर विभागीय अधिकारियों की घोर लापरवाही है। ग्रामीणों का कहना है कि अधिकारी अक्सर योजनाओं को लेकर खानापूर्ति कर देते हैं और किसानों को सिर्फ कागजों पर दिखाकर योजना पूरी मान ली जाती है। इस बार भी वही हुआ कि किसानों को आवेदन का मौका ही नहीं मिला।

स्थानीय किसानों ने मांग की है कि इस मामले में जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए और आवेदन की तिथि को पुनः बढ़ाकर सभी किसानों को वास्तविक लाभ दिलाया जाए। किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने इस पर तुरंत संज्ञान नहीं लिया, तो बड़े पैमाने पर आंदोलन होगा। यह पूरा मामला साफ करता है कि योजनाओं की घोषणा और क्रियान्वयन के बीच किस तरह अधिकारियों की लापरवाही से किसानों को धोखा दिया जा रहा है।

आवेदन की तिथि पुनः बढ़ाकर निकाला जाएगा विज्ञापन, चल रहा निबंधन: डीएओ

इस मामले में जिला कृषि पदाधिकारी दीपक कुमार ने कहा कि आवेदन की तिथि को पुनः बढ़ाकर विज्ञापन निकाला जाएगा। किसानों का निबंधन अभी हो रहा है। एक महीने तक चलेगा। 30 अगस्त की अंतिम तिथि देखकर किसान घबराए नहीं।

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हिन्दुस्थान समाचार / दिलीप कुमार