प. बंगाल विधानसभा में पेश हुआ 'बंगाल और बंगाली उत्पीड़न विरोधी' प्रस्ताव
कोलकाता, 02 सितंबर (हि.स.)। पश्चिम बंगाल विधानसभा का माहौल मंगलवार को उस समय गरमा गया जब राज्य के संसदीय कार्य मंत्री शोभनदेव चट्टोपाध्याय ने ‘बंगाल और बंगाली उत्पीड़न विरोधी’ प्रस्ताव पेश किया। प्रस्ताव पर चर्चा शुरू होते ही सत्तापक्ष और विपक्ष आमने
पश्चिम बंगाल विधानसभा


कोलकाता, 02 सितंबर (हि.स.)। पश्चिम बंगाल विधानसभा का माहौल मंगलवार को उस समय गरमा गया जब राज्य के संसदीय कार्य मंत्री शोभनदेव चट्टोपाध्याय ने ‘बंगाल और बंगाली उत्पीड़न विरोधी’ प्रस्ताव पेश किया। प्रस्ताव पर चर्चा शुरू होते ही सत्तापक्ष और विपक्ष आमने-सामने आ गए। भाजपा विधायकों ने ‘मोदी, मोदी’ के नारे लगाने शुरू किए, तो पलटवार में मंत्री फिरहाद हाकिम ने ‘जय बंगला’ का नारा लगाया।

चट्टोपाध्याय ने हाल ही में दिल्ली में बंगाल के एक प्रवासी श्रमिक परिवार के कथित उत्पीड़न का मुद्दा उठाया।

चर्चा के दौरान कई महान विभूतियों का नाम लिया गया और बंगाल की सांस्कृतिक तथा ऐतिहासिक धरोहर को रेखांकित किया गया। तृणमूल विधायकों ने विशेष रूप से गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर, बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय और क्रांतिकारी खुदीराम बोस का उल्लेख किया।

सत्तापक्ष के विधायकों की ओर से यह भी आरोप लगाया गया कि बंगाल विरोधी मानसिकता रखने वाले भाजपा विधायकों का रवैया अंग्रेजों की नीति की याद दिलाता है। वहीं, फिरहाद हाकिम ने कहा, “हम बांग्लादेशी नहीं हैं, हम भारतीय बंगाली हैं।”

इस मुद्दे पर सत्ता और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक के चलते सदन का वातावरण लंबे समय तक गर्म रहा।

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर