बिना अपराध अधिवक्ता के घर में घुसी पुलिस, कोर्ट ने सरकारी वकील से मांगी पूरी जानकारी
--कहा, जानकारी नहीं दी तो पुलिस कमिश्नर प्रयागराज को बुलायेगी कोर्ट प्रयागराज, 02 सितम्बर (हि.स.)। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने किसी एफआईआर, सर्च या गिरफ्तारी वारंट के बगैर घर में घुसकर थरवई थाना पुलिस द्वारा अधिवक्ता पुत्र संजय को गिरफ्तार कर लें जान
इलाहाबाद हाईकाेर्ट


--कहा, जानकारी नहीं दी तो पुलिस कमिश्नर प्रयागराज को बुलायेगी कोर्ट

प्रयागराज, 02 सितम्बर (हि.स.)। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने किसी एफआईआर, सर्च या गिरफ्तारी वारंट के बगैर घर में घुसकर थरवई थाना पुलिस द्वारा अधिवक्ता पुत्र संजय को गिरफ्तार कर लें जाने, रूपये व सोने की चेन छीनने की शिकायत को गम्भीरता से लिया है।

कोर्ट ने अपर मुख्य स्थाई अधिवक्ता अरविन्द सिंह ने जानकारी मांगी है कि क्या याची के पुत्र की शिकायत थाना पुलिस को मिली थी। यदि मिली थी तो शिकायत पत्र पेश करें। साथ ही डीसीपी प्रयागराज के डीसीपी गंगापार को 29 मई को लिखे पत्र के आधार पर जांच पूरी हुई या नहीं। जांच रिपोर्ट भी पेश की जाय। यह भी बतायें कि विवाद स्थल क्या है और पुलिस किस अधिकार से याची के घर में घुसी थी। याचिका की अगली सुनवाई 19 सितम्बर को होगी।

कोर्ट ने साफ कहा कि मांगी गई पूरी जानकारी नहीं दी गई तो कोर्ट पुलिस कमिश्नर को तलब करने पर विचार करेगी। यह आदेश न्यायमूर्ति सरल श्रीवास्तव तथा न्यायमूर्ति ए के सिंह देशवाल की खंडपीठ ने राज कुमार सिंह की याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है। याचिका पर अधिवक्ता दीपक कुमार श्रीवास्तव ने बहस की।

इनका कहना था कि याची के घर में बिना अधिकार पुलिस घुसी। उसके पुत्र के खिलाफ कोई एफआईआर दर्ज होने की जानकारी नहीं दी और न ही पुलिस के पास गिरफ्तारी या सर्च वारंट था। नकदी व सोने की चेन पुलिस ने छीन लिया और धमकाया। पुत्र को गिरफ्तार कर थाने ले गई। जिसकी शिकायत पुलिस प्रशासन को की गई। कोई कार्रवाई नहीं करने पर हाईकोर्ट की शरण ली गई है। याची अधिवक्ता का कहना था कि पड़ोसी के कहने पर पुलिस ने याची के परिवार के साथ बदसलूकी की है और गैर क़ानूनी दखल दिया है।

कोर्ट ने जानकारी मांगी थी। सरकार की तरफ से बताया गया कि याची के लड़के की शिकायत की जांच का आदेश दिया गया है। आगे की जानकारी न देने के कारण कोर्ट ने पूरी जानकारी मांगी है।

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हिन्दुस्थान समाचार / रामानंद पांडे