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जयपुर, 02 सितंबर (हि.स.)। राजस्थान हाईकोर्ट ने एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल और नियंत्रक पद पर डॉ. दीपक माहेश्वरी को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। जस्टिस आनंद शर्मा की एकलपीठ ने यह आदेश डा. अवतार सिंह दुआ की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए। अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता ने दीपक माहेश्वरी की ओर से साल 2016 में दिए त्यागपत्र और उसे वापस लेने के आधार पर उनकी नियुक्ति को चुनौती दी है। याचिकाकर्ता ने इस तथ्य की जानकारी होने के भी चयन प्रक्रिया में भाग लिया और असफल होने पर सात साल पहले दिए इस्तीफे और उसे वापस लेने की अनुमति देने पर आपत्ति उठा रहा है। याचिकाकर्ता को उन आधारों पर नियुक्ति को चुनौती देने का अधिकार नहीं है, जो चयन से संबंधित नहीं है।
याचिका में अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता वरिष्ठ प्रोफेसर के तौर पर कार्यरत है। राज्य सरकार ने 14 जून, 2024 को एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल और नियंत्रक पद के लिए आवेदन मांगे। जिसमें याचिकाकर्ता ने भाग लिया, लेकिन राज्य सरकार ने डॉ. दीपक माहेश्वरी का इस पद चयन कर लिया। याचिका में कहा गया कि दीपक माहेश्वरी याचिकाकर्ता से योग्य और बेहतर हैं। उनकी नियुक्ति को चुनौती देने का आधार यह है कि उन्होंने 21 अक्टूबर, 2016 को पद से त्यागपत्र दिया था। वहीं बाद में त्यागपत्र वापस लेने के लिए आवेदन किया, जिसे राज्य सरकार ने स्वीकार कर उन्हें सेवा में निरंतरता बरकरार रख दी। इसके चलते वे प्रिंसिपल पद की चयन प्रक्रिया में भाग नहीं ले सकते थे। याचिका में गुहार की गई कि दीपक माहेश्वरी की प्रिंसिपल पद पर नियुक्ति को रद्द किया जाए और त्यागपत्र वापसी व लोक सेवकों की पुनर्बहाली के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए जाए।
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हिन्दुस्थान समाचार / पारीक