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नई दिल्ली, 2 सितंबर (हि.स.)। उच्चतम न्यायालय ने ऑल इंडिया बार एग्जामिनेशन (एआईबीई) की परीक्षा की फीस के रुप में बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) की ओर से 3500 रुपये लेने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी है। जस्टिस जेबी पारदीवाला की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि बीसीआई को इस परीक्षा को आयोजित करने के लिए काफी पैसे खर्च करने पड़ते हैं।
याचिका वकील संयम गांधी ने दायर की थी। याचिका में बीसीआई की ओर से एआईबीई परीक्षा के लिए तय किए गए फीस के आदेश को चुनौती दी गई थी। याचिका में कहा गया था कि बीसीआई इस फीस के अलावा भी दूसरे मौकों पर फीस लेती है। एआईबीई की परीक्षा के लिए फीस लेना संविधान के अनुच्छेद 14 और 19(1)(जी) के साथ-साथ एडवोकेट एक्ट की धारा 24(1)(एफ) का भी उल्लंघन है।
इसके पहले उच्चतम न्यायालय की संविधान बेंच कह चुकी है कि बीसीआई के पास एआईबीई आयोजित करने का अधिकार है। एआईबीई को वकील के रुप में रजिस्टर्ड कराने से पहले या बाद में किया जाए, इसे बीसीआई तय कर सकता है।
हिन्दुस्थान समाचार/संजय
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हिन्दुस्थान समाचार / वीरेन्द्र सिंह