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जयपुर, 02 सितंबर (हि.स.)। राजस्थान हाईकोर्ट ने अदालती आदेश के आठ साल बाद भी पटवारी के पद से भू-अभिलेख निरीक्षक पद पर पदोन्नति के लिए होने वाली विभागीय परीक्षा नहीं होने पर रेवेन्यू बोर्ड के रजिस्ट्रार से शपथ पत्र पेश करने को कहा है। अदालत ने 8 सितंबर तक को शपथ पत्र पेश कर बताने को कहा है कि बोर्ड ने साल 2017 के आदेश और 7 मार्च 2019 को विज्ञापन जारी होने पर भी विभागीय पदोन्नति के लिए भर्ती परीक्षा आयोजित क्यों नहीं करवाई। जस्टिस महेन्द्र गोयल ने यह आदेश विवेक शर्मा की याचिका पर दिए।
याचिका में अधिवक्ता विजय दत्त शर्मा ने बताया कि हाईकोर्ट ने 26 जुलाई 2017 को सतीश सिंह बनाम राज्य सरकार मामले में भू-अभिलेख निरीक्षक पद पर पदोन्नति के लिए विभागीय परीक्षा करवाए जाने का निर्देश दिया था। इसके बावजूद बोर्ड ने परीक्षा नहीं करवाई। वहीं बाद में राज्य सरकार ने अवमानना याचिका में सुनवाई के दौरान शपथ पत्र दायर कर कहा कि उन्होंने 7 मार्च 2019 को विभागीय परीक्षा का विज्ञापन जारी कर आदेश की पालना कर दी है। इसके बाद भी यह विभागीय परीक्षा आयोजित नहीं की गई है। जबकि परीक्षा के लिए स्वीकृत पदों पर डीपीसी के जरिए कनिष्ठ कार्मिकों को पदोन्नति दे दी है। इसलिए अदालती आदेशों की पालना करवाई जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने रेवेन्यू बोर्ड के रजिस्ट्रार से शपथ पत्र पेश करने को कहा है।
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हिन्दुस्थान समाचार / पारीक