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नई दिल्ली, 02 सितंबर (हि.स.)। ऑनलाइन गेम को रेगुलेट करने के लिए जल्द ही प्राधिकार का गठन किया जाएगा। केंद्र सरकार ने आज इस बात की सूचना दिल्ली उच्च न्यायालय को दी। चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय की अध्यक्षता वाली बेंच ने ऑनलाइन गेम को रेगुलेट करने वाले कानून को चुनौती देने वाली याचिका पर आंशिक सुनवाई करते हुए आठ हफ्ते के बाद अगली सुनवाई का आदेश दिया।
याचिका ऑनलाइन कैरम की कंपनी बघीरा कैरम प्राइवेट लिमिटेड ने दायर की है। याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील हर्ष जायसवाल और आद्या मिश्रा ने कहा कि ये कानून मनमाना और भ्रमपूर्ण है। तब कोर्ट ने कहा कि इस कानून को लागू करने के लिए सरकार किसी प्राधिकार को गठित कर रही होगी और इसके लिए नियम को बनाया जा रहा होगा।
सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि इस कानून पर राष्ट्रपति की मुहर लग गयी है, लेकिन इसके लिए जरुरी नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया है। तब कोर्ट ने कहा कि जब तक नोटिफिकेशन जारी नहीं हो जाता ये कानून अस्तित्वहीन है। अगर याचिकाकर्ता को लगता है कि उसके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है तो ये महज एक धारणा पर आधारित है। कोर्ट ने कहा कि कानून को लागू करने के लिए सॉलिसिटर जनरल काम कर रहे हैं। सरकार को एक प्राधिकार का गठन करना होगा।
बता दें कि हाल ही में संसद ने प्रमोशन एंड रेगुलेशन ऑफ आनलाइन गेमिंग एक्ट का पारित किया था। इस कानून को कर्नाटक हाईकोर्ट में भी चुनौती दी गई है।
हिन्दुस्थान समाचार/संजय
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हिन्दुस्थान समाचार / प्रभात मिश्रा