एनएससीएस, इसरो और आरआरयू ने संयुक्त रूप से किया साइबर सुरक्षा प्रशिक्षण
गांधीनगर, 02 सितंबर (हि.स.)। भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में साइबर लचीलापन बढ़ाने के लिए, राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय (आरआरयू) के इसरो, डीओएस, एनएससीएस और एसआईटीएआईसी ने संयुक्त रूप से 40 इसरो/डीओएस वैज्ञानिकों और इंजीनियरों के लिए एक विशेष साइबर सुर
साइबर सुरक्षा प्रशिक्षण


साइबर सुरक्षा प्रशिक्षण


गांधीनगर, 02 सितंबर (हि.स.)। भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में साइबर लचीलापन बढ़ाने के लिए, राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय (आरआरयू) के इसरो, डीओएस, एनएससीएस और एसआईटीएआईसी ने संयुक्त रूप से 40 इसरो/डीओएस वैज्ञानिकों और इंजीनियरों के लिए एक विशेष साइबर सुरक्षा आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया।

संस्था के जन संपर्क विभाग ने अपने बयान में बताया कि इस व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रतिभागियों को उभरते साइबर खतरों से संगठन के डिजिटल बुनियादी ढांचे की सुरक्षा के लिए उन्नत दक्षताओं और आवश्यक ज्ञान से लैस किया गया। इसमें व्यावहारिक शिक्षा पर ज़ोर देते हुए इन सत्रों ने व्यावहारिक अनुभव प्रदान किया, जिससे प्रतिभागियों को गतिशील और विकसित होते साइबर सुरक्षा परिदृश्य का प्रभावी ढंग से मुकाबला करने की जानकारी दी गई,

जिससे उनको व्यावहारिक कौशल और वास्तविक दुनिया की रणनीतियाँ विकसित करने में मदद मिल सके।

कार्यक्रम के दौरान एक उच्च-स्तरीय हाइब्रिड इंटरेक्शन सत्र का आयोजन किया गया। इसमें डॉ. वी. नारायणन, अध्यक्ष, इसरो/सचिव, डीओएस, नीलेश देसाई, निदेशक, एसएसी सहित प्रतिष्ठित दूरदर्शी वक्ता शामिल हुए। एम. गणेश पिल्लई, वैज्ञानिक सचिव, इसरो, नरेंद्र नाथ जी., संयुक्त सचिव, एनएससीएस और राजीव चेतवानी, मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारी (सीआईएसओ), इसरो/अंशकालिक सेवा ने साइबर सुरक्षा, एपीटी, क्वांटम संचार के विकसित परिदृश्य और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और राष्ट्रीय विकास के लिए इसकी रणनीतिक प्रासंगिकता पर अंतर्दृष्टि साझा की।

प्रो. अनिल भारद्वाज, निदेशक, पीआरएल, डॉ. लोकेश गर्ग, महानिदेशक, एनसीआईआईपीसी, प्रो. कल्पेश वांद्रा, प्रो-वीसी, आरआरयू, डीके पटेल, समूह निदेशक, एसएसी, डॉ. जतिन पटेल, परियोजना निदेशक (आई/सी), आरआरयू, सैमुअल जॉनसन, उप निदेशक (साइबर सुरक्षा), इसरो मुख्यालय, जिगर रावल, उप सीआईएसओ, इसरो/अंशकालिक सेवा सत्र का समापन इसरो/अं.वि. के डिप्टी सीआईएसओ जिगर रावल आदि के धन्यवाद प्रस्ताव के साथ प्रशिक्षण का समापन हुआ। इसमें उन्होंने एनएससीएस, इसरो और आरआरयू के दूरदर्शी नेतृत्व और सहयोगात्मक प्रयासों की सराहना की गई।

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हिन्दुस्थान समाचार / Abhishek Barad