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जयपुर, 02 सितंबर (हि.स.)। राजस्थान हाईकोर्ट ने अदालती आदेश के बावजूद चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को बकाया भुगतान नहीं करने पर नाराजगी जताई है। इसके साथ ही अदालत ने कहा है कि 11 सितंबर को याचिकाकर्ता को बकाया भुगतान करने का दस्तावेजी साक्ष्य अदालत में पेश किया जाए। ऐसा नहीं करने पर अदालत ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव और निदेशक को व्यक्तिगत रूप से हाजिर होने के निर्देश दिए हैं। जस्टिस गणेश राम मीणा की एकलपीठ ने यह आदेश गुलाब सिंह की अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता कपिल प्रकाश माथुर ने अदालत ने को बताया कि अदालती आदेश की पालना में वित्त विभाग से स्वीकृति लेकर याचिकाकर्ता को 1 अप्रैल, 1997 से सेवा में नियमितिकरण का लाभ दिया गया है। वहीं याचिकाकर्ता ने चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद पर नियमित नियुक्ति भी प्राप्त कर ली है। इसके अलावा याचिकाकर्ता को दी जाने वाले बकाया राशि का भुगतान दो सप्ताह में कर दिया जाएगा। इस पर अदालत ने मामले की सुनवाई 11 सितंबर को तय करते हुए किए जाने वाले भुगतान का साक्ष्य देने और राशि अदा नहीं करने की सूरत में दोनों अधिकारियों को हाजिर होने को कहा है। अवमानना याचिका में अधिवक्ता अजय गुप्ता ने बताया कि अदालत ने याचिकाकर्ता को साल 1997 से नियमितीकरण का लाभ देते हुए उसे बकाया भुगतान करने को कहा था। इसके बावजूद विभाग की ओर से आदेश की पालना नहीं की गई। ऐसे में अदालती आदेश की अवहेलना करने वाले अफसरों को दंडित किया जाए और अदालती आदेश की पालना सुनिश्चित की जाए।
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हिन्दुस्थान समाचार / पारीक