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अररिया 02 सितम्बर(हि.स.)। फारबिसगंज में मरणोपरांत नेत्रदान को लेकर जागरूकता बढ़ी है। बीते जुलाई माह में ही नेत्रदानी किशनलाल भंसाली के पारिवारिक सदस्यों ने मरणोपरांत उनका नेत्रदान करवाया था। वही उसी परिवार से विमला देवी भंसाली का मंगलवार को मरणोपरांत नेत्रदान संपन्न हुआ।
तेरापंथ युवक परिषद फारबिसगंज ओर कटिहार मेडिकल कॉलेज अस्पताल के नेत्र विभाग के चिकित्सक डॉ अभिनव गुप्ता,डॉ मो. फैजल और डॉ मो. इमरान की तत्परता से नेत्रदान की प्रक्रिया संपन्न कराई गई। लाइब्रेरी रोड निवासी स्वर्गीय मूलचंद भंसाली की पत्नी स्व. बिमला देवी भंसाली का देहावसान मंगलवार सुबह पौने दस बजे हुआ। देहावसान की जानकारी मिलने के बाद तेरापंथ सभा उपाध्यक्ष मुकेश राखेचा ने पारिवारिक सदस्यों से नेत्रदान के लिए पहल की।
परिवार के लोगों की सहमति के बाद तेरापंथ युवक परिषद फारबिसगंज के अध्यक्ष आशीष गोलछा को नेत्रदान सहमति की जानकारी करवाई गई। तत्काल कटिहार मेडिकल कॉलेज अस्पताल की टीम से संपर्क स्थापित किया गया और केएमसीएच की नेत्र विभाग की टीम ने तत्परता दिखाते हुए दो बजे फारबिसगंज पहुंचकर नेत्रदान की प्रक्रिया अपनाते हुए मृतका का कॉर्निया कलेक्ट किया।
स्व.बिमला देवी भंसाली के देहांत पश्चात उनके तीनों पुत्र महेंद्र भंसाली, मनोज भंसाली एवं नरेंद्र भंसाली ने नेत्रदान की स्वीकृति प्रदान की। उन्होंने बताया की उनके माताजी बहुत ही धार्मिक प्रवृति की थी और पिछले साल ही मरणोपरांत नेत्रदान का संकल्प पत्र भी भरा था। परिवार के सदस्यों ने नेत्रदान के लिए तेरापंथ युवक परिषद ओर डॉक्टर की टीम को बहुत साधुवाद दिया।
मौके पर तेरापंथ युवक परिषद के अध्यक्ष आशीष गोलछा ने कहा परिषद रक्तदान ओर नेत्रदान जैसे मानव सेवा कार्य हमेशा तत्परता के साथ करती आ रही है और इससे समाज में काफी हद तक जागरूकता भी आ गई है। मरणोपरांत होने वाले एक नेत्रदान से तीन से चार की जिंदगी रोशन होती है। नेत्रदान सह संयोजक पंकज नाहटा ने मानव सेवा को सर्व धर्म से ऊपर बताते हुए हम जीवन में रक्तदान ओर मरणोपरांत नेत्रदान कर किसी के जीवन रक्षक बन सकते हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / राहुल कुमार ठाकुर