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खूटी,9 अगस्त (हि.स.)। तोरपा प्रखंड मैदान में शनिवार को विश्व आदिवासी दिवस हर्षाेल्लास और पारंपरिक तरीके के साथ मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ नगाड़ा, मांदर और ढोल की थाप के बीच पारंपरिक रीति-रिवाज के साथ किया गया। इस अवसर पर आदिवासी समुदाय के लोग रंग-बिरंगे पारंपरिक परिधान में सज-धजकर शामिल हुए, जिससे पूरा मैदान सांस्कृतिक रंग में रंग गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि समाजसेवी सह झारखंड मुंडा समाज के अध्यक्ष नियरन हेरेंज तथा विशिष्ट अतिथि कृषि वैज्ञानिक प्रदीप हेमरोम, ज़ोरोंग संस्था के सचिव संजय होरो का स्वागत पुष्पगुच्छ और पारंपरिक आदिवासी गमछा भेंट कर किया गया।
मुख्य अतिथि ने कहा कि आदिवासी समाज की संस्कृति, भाषा और परंपराएं हमारी अमूल्य धरोहर हैं। इनका संरक्षण और संवर्धन न केवल आदिवासी समुदाय बल्कि पूरे समाज की जिम्मेदारी है। उन्होंने युवाओं से शिक्षा, स्वावलंबन और अपनी जड़ों से जुड़े रहने का आह्वान किया।
सांस्कृतिक कार्यक्रम में विभिन्न स्कूलों के बच्चों ने आदिवासी परंपरा पर आधारित नृत्य, गीत और नाटक प्रस्तुत कर उपस्थित लोगों का मन मोह लिया। दर्शकों ने बच्चों की प्रस्तुति पर खूब तालियां बजाईं। प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले बच्चों को प्रमाण पत्र और पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।
आयोजन को सफल बनाने में प्रमुख रोहित सुरीन, एमानुएल तोपनो, फुलजेम्स तोपनो, दीपक तिग्गा, संतोषी तोपनो, एमन तोपनो व एमन होरो सहित कई सामाजिक कार्यकर्ताओं और स्वयंसेवकों का योगदान सराहनीय रहा। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में ग्रामीण, जनप्रतिनिधि, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि और स्थानीय लोग मौजूद थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / अनिल मिश्रा