केदारनाथ व विश्वनाथ मंदिर में परंपरानुसार मनाया गया अन्नकूट का मेला
रुद्रप्रयाग, 9 अगस्त (हि.स.)। रक्षाबंधन के पावन पर्व की पूर्व संध्या पर भगवान आशुतोष के द्वादश ज्योतिर्लिंगों में एक केदारनाथ धाम में अन्नकूट (भतूज) मेला परंपरानुसार विधि-विधान से मनाया गया। इस दौरान शुक्रवार रातभर केदारनाथ मंदिर के कपाट खुले रहे और
केदारनाथ व विश्वनाथ मंदिर में परंपरानुसार मनाया गया अन्नकूट का मेला


रुद्रप्रयाग, 9 अगस्त (हि.स.)। रक्षाबंधन के पावन पर्व की पूर्व संध्या पर भगवान आशुतोष के द्वादश ज्योतिर्लिंगों में एक केदारनाथ धाम में अन्नकूट (भतूज) मेला परंपरानुसार विधि-विधान से मनाया गया। इस दौरान शुक्रवार रातभर केदारनाथ मंदिर के कपाट खुले रहे और भक्तों ने अपने आराध्य के श्रृंगार दर्शन किये। बीते शुक्रवार को रात्रि नौ बजे केदारनाथ में मंदिर में अन्नकूट मेले की परंपरायें शुरू की गईं। इस मौके पर मुख्य पुजारी बागेश लिंग ने गर्भगृह में भगवान आशुतोष के स्वयंभू लिंग का नये अनाज से श्रृंगार किया। साथ ही अन्य धार्मिक परंपराओं का निर्वहन किया।

इस मौके पर धाम में मौजूद तीथपुरोहितों ने भी बाबा केदार को भतूज लगाया। इसके बाद मंदिर के कपाट रातभर के खुले रहे और बाबा केदार के भक्तों ने अपने अराध्य के श्रृंगार दर्शन किये। शनिवार को सुबह 4 बजे मुख्य पुजारी बागेश लिंग ने मंदिर के गर्भगृह में बाबा के स्वयंभू लिंग पर किए गए लेपन को साफ किया। इस बाद मंदिर के गर्भगृह की साफ-सफाई की गई और यज्ञ-हवन के साथ श्रद्धालुओं के लिए धर्म दर्शन शुरू किये गये। इधर, विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी में भी भतूज मेला हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। यहां भी रक्षाबंधन पर्व की पूर्व संध्या पर विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी में भतूज मेले के अवसर पर मध्य रात्रि को रुदमंदिर के गर्भगृह को विशेष रूप से सजाया गया।

परंपरानुसार रुद्रपुर के हक हकूकधारी ग्रामीणों ने विश्वनाथ के तीर्थ पुरोहितों द्वारा पके चावल को शिवलिंग पर अलंकृत किया। विशेष पूजा के साथ मंदिर के कपाट रातभर श्रद्धालुओं के लिए खुले रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / दीप्ति