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मथुरा, 09 अगस्त (हि.स.)। यूपी के मथुरा जिले में कस्बा गोवर्धन स्थित श्रीआद्य शंकराचार्य आश्रम में शनिवार श्रावण पूर्णिमा एवं रक्षाबंधन पर्व पर जगद्गुरुशंकराचार्य स्वामी अधोक्षजानंद देवतीर्थ महाराज ने चातुर्मास्य अनुष्ठान एवं पार्थिव पूजन सहित महादेव का अभिषेक किया। इस दौरान संत-महंत एवं श्रद्धालु मौजूद रहे।
श्री आद्य शंकराचार्य आश्रम गोवर्धन, पूर्वाम्नाय गोवर्धन मठ पुरी पीठाधीश्वर जगद्गुरुशंकराचार्य स्वामी अधोक्षजानंद देवतीर्थ महाराज के पावन सानिध्य में गुरुपूर्णिमा 10 जुलाई से प्रारंभ हुआ चातुर्मास्य अनुष्ठान एवं पार्थिव शिवलिंग पूजन का शनिवार को एक महीना पूर्ण हो गया। आज श्रावण पूर्णिमा रक्षा बंधन पर्व पर नित्य की भांति विद्वान आचार्यों द्वारा पार्थिव शिवलिंग निर्माण कर यज्ञशाला में स्थापित गौरी गणेश, एवं देवमंडल पूजन के पश्चात विधिवत पार्थिव पूजन एवं रुद्राभिषेक कर सनातन धर्म के उत्थान, देश की सुख समृद्धि की कामना की गयी। इस अवसर पर गोवर्धन पीठ के 145वें शंकराचार्य स्वामी अधोक्षजानंद देवतीर्थ महाराज ने सभी को आशीर्वचन प्रदान किया। कार्यक्रम में देश विदेश सहित बिभिन्न राज्यों से राजनयिक, सामाजिक, धार्मिक प्रतिनिधिओं एवं श्रद्धालुओं का आगमन जारी है।
जगद्गुरु देवतीर्थ ने बताया कि लगभग 2500 वर्ष पहले आद्य शंकराचार्य भगवान ने गोवर्धन पीठ समेत चार मठों की स्थापना की थी। गोवर्धन मठ का भोगवारि सम्प्रदाय है। भगवान जगन्नाथ यहां के देवता और देवी विमला हैं। यहां का वेद ऋग्वेद और महावाक्य प्रज्ञानं ब्रह्म है। इस मठ के अधीन अंग, बंग, कलिंग, मगध, उत्कल और बर्बर क्षेत्र आते हैं। स्वामी श्री पद्मपादाचार्य मठ के प्रथम आचार्य थे। गोवर्धन मठ के 143वें शंकराचार्य स्वामी श्री भारती कृष्ण देवतीर्थ जी महाराज और 144वें शंकराचार्य स्वामी श्री निरंजन देवतीर्थ जी महाराज रहे। निरंजन देवतीर्थ के परम कृपापात्र शिष्य स्वामी श्री अधोक्षजानंद देवतीर्थ जी गोवर्धन पीठ के 145वें व वर्तमान शंकराचार्य हैं।
शंकराचार्य अधोक्षजानंद ने कहा देश के सीमावर्ती क्षेत्रों में धार्मिक अनुष्ठानों को और बढ़ावा देने की वकालत की। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में वरिष्ठ संतों और महात्माओं के न पहुंचने से वहां धर्मान्तरण को बढ़ावा मिल रहा है, जिससे वहां के सनातन धर्मावलम्बियों में निराशा का भाव पनप रहा है। जगद्गुरु ने केंद्र और राज्य सरकारों से भी सीमावर्ती क्षेत्रों में विकास कार्यों को बढ़ावा देने को कहा है। उनका कहना है कि वहां विकास के कार्य हुये हैं और हो भी रहे हैं लेकिन समयानुसार उसे और गति देने की आवश्यकता है।
हिन्दुस्थान समाचार / महेश कुमार