सीआरपीएफ के कैंप में तैनात जवानाें काे स्वयं से बनाई राखियाें से छात्राओं ने बांधी राखी
सुकमा , 9 अगस्त (हि.स.)। नक्सल प्रभावित सुकमा आत्मानंद स्कूल की छात्राओं एवं गांव की महिलाएं आज सुबह-सुबह स्वयं से बनाई रंग-बिरंगी राखियां, तिलक की थाली और मिठाइयों के साथ सीआरपीएफ के कैंप पर पहुंचकर सुरक्षा में तैनात जवानाें काे राखी बांधी। राखी
सीआरपीएफ के कैंप में तैनात जवानाें काे स्कूली छात्राओं ने बांधी राखी


सुकमा , 9 अगस्त (हि.स.)। नक्सल प्रभावित सुकमा आत्मानंद स्कूल की छात्राओं एवं गांव की महिलाएं आज सुबह-सुबह स्वयं से बनाई रंग-बिरंगी राखियां, तिलक की थाली और मिठाइयों के साथ सीआरपीएफ के कैंप पर पहुंचकर सुरक्षा में तैनात जवानाें काे राखी बांधी। राखी बांधने के बाद जवानों ने भी कहा कि, वैसे तो परिवार की कमी खलती है, लेकिन छात्राओं से मिलकर लगा कि यह अपनी ही बहनें हैं। तैनात जवानों ने कहा कि सीआरपीएफ वैसे भी सुरक्षा के लिए तत्पर रहती है, हम वचन देते हैं इन इलाकों की सुरक्षा के लिए जो हो सकता है वो करेंगे। जवानाें का कहना है कि नक्सल प्रभावित इलाकों में ऐसे आयोजन का खास महत्व है। जहां एक ओर सुरक्षा बल लगातार खतरों, घने जंगलों और असमान रास्तों का सामना करते हैं, वहीं दूसरी ओर स्थानीय लोग उनके साथ भावनात्मक जुड़ाव बनाते हैं। यह भरोसा और अपनापन ही वह पुल है, जो डर और अविश्वास के बीच की दूरी को कम करता है।

74वीं वाहिनी के इंस्पेक्टर कमलेश कुमार मीणा ने कहा कि ड्यूटी के कारण कई सालों से घर जाकर राखी नहीं बंधवा पाया था, यहां बहनों ने जो प्यार और सम्मान दिया, वह हमेशा याद रहेगा। हम हमेशा इस क्षेत्र के लोगों की सुरक्षा के लिए तत्पर रहेंगे।

74वीं वाहिनी के कमांडेंट हिमांशु पांडे ने कहा कि रक्षा बंधन हमें याद दिलाता है कि हमारा रिश्ता सिर्फ वर्दी और ड्यूटी का नहीं है, बल्कि यह भावनाओं का भी है। यहां के लोग हमें जो अपनापन देते हैं, वही हमें कठिन परिस्थितियों में भी मजबूत बनाए रखता है।

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हिन्दुस्थान समाचार / राकेश पांडे