राखी के धागों ने पिघलाई सलाखों की ठंडक, जेल में बहनों ने बांधी रक्षा की डोर
राखी के धागों ने पिघलाई सलाखों की ठंडक, जेल में बहनों ने बांधी रक्षा की डोर
जेल में बंद भाईयों को राखी बांधतीं बहनें


बरेली, 9 अगस्त (हि.स.) । रक्षाबंधन पर भाई-बहन के रिश्ते की मिठास ने सलाखों के उस पार भी रंग जमा दिया। शनिवार सुबह से ही केंद्रीय कारागार-2 के बाहर का नजारा भावुक कर देने वाला था। भाई की कलाई पर राखी बांधने की आस में बहनें कतारबद्ध खड़ी थीं।

जेल प्रशासन ने इस मौके पर खास इंतजाम किए थे। बाहर टेंट, कुर्सियां, ठंडा पानी और मेडिकल टीम की व्यवस्था की गई थी। वरिष्ठ जेल अधीक्षक विपिन कुमार मिश्रा खुद व्यवस्थाओं पर नजर रखे हुए थे। सुरक्षा जांच के बाद बहनों को अंदर भेजा जा रहा था, जहां कैदी भाइयों की निगाहें गेट पर टिकी थीं।

जैसे ही बहनों ने राखी का धागा बांधा, आंखें नम हो गईं। किसी ने लंबी उम्र की दुआ दी तो किसी ने अगली राखी घर पर बांधने की उम्मीद जताई। त्योहार ने जेल की ऊंची दीवारों और सख्त सलाखों के बीच भी रिश्तों की गर्माहट घोल दी।

हिन्दुस्थान समाचार / देश दीपक गंगवार