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पूर्वी सिंहभूम, 9 अगस्त (हि.स.)। विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर शनिवार को छोटा गदरा और आसपास के गांवों में आनंद मार्ग की ओर से तीन दिवसीय पौधा वितरण और भोजन वितरण कार्यक्रम आयोजित किया गया।
इस दौरान कुल 500 फलदार पौधों का निःशुल्क वितरण किया गया। साथ ही बीज बॉल बनाकर पर्यावरण संरक्षण की पद्धति सिखाई गई और ग्रामीणों को बीज बॉल भी दिया गया। कार्यक्रम में लोगों को प्रकृति संरक्षण का संकल्प दिलाया गया।
आनंद मार्ग के सुनील आनंद ने कहा कि जब तक हम पेड़-पौधों और जीव-जंतुओं को अपने परिवार का सदस्य नहीं मानेंगे, तब तक प्रकृति का कल्याण संभव नहीं है। नव्य मानवतावादी विचारधारा बताती है कि पृथ्वी पर मनुष्य ही नहीं, बल्कि सभी जीव-जंतु और वनस्पतियां एक परिवार के सदस्य हैं और हमें उन्हें उसी रूप में स्वीकार करना चाहिए।
कार्यक्रम में यह संदेश दिया गया कि आदिवासी समाज स्वभाव से ही प्रकृति-प्रेमी और मानवतावादी विचारधारा के धनी हैं। वे पेड़-पौधों को परिवार का हिस्सा और प्रकृति को भगवान मानते हैं। आनंद मार्ग लंबे समय से पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से आदिवासी समाज के साथ मिलकर कार्य कर रहा है और भविष्य में भी पौधरोपण अभियान जारी रखेगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / गोविंद पाठक